लखनऊ: अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को सस्पेंड (निलंबित) करने के मामले में विवाद थमता नहीं दिख रहा है। इस पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। अस्पताल की लापरवाही की वजह से एक बेटी की जान चली गई। स्थानीय स्तर की टीम की जांच के बाद यह फैसला लिया गया है।
उप मुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि हम पूरे प्रदेश के अस्पतालों को रेगुलराइज कर रहे हैं। लापरवाही की वजह से मरीजों की जान लेने वाले अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारी संघ के हितों की रक्षा के लिए होगी लड़ाई
वहीं, संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि कर्मचारी संघ के हितों की रक्षा के लिए आर-पार की लड़ाई होगी। यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वह न्यायालय की शरण के साथ अनशन करेंगे। अरविंद श्रीवास्तव ने कहा, कर्मचारियों के सामने परिवार के भरण पोषण का सबसे बड़ा संकट है। वहीं, संजय सिंह परिहार ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उधर, कांग्रेस ने इस मामले में सियासी विद्वेष की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने मरीजों के हितों में तत्काल अस्पताल की व्यवस्था बहाल कराने की मांग की है। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- मरीजों का इलाज न रोका जाए
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पूर्व मंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि मरीज की मौत मामले की कमेटी बनाकर जांच कराई जाए, लेकिन अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल के पंजीकरण के निरस्तीकरण आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है। अजय राय ने बताया कि अस्पताल कई दशक से स्थानीय और आस-पास के जिलों के लोगों को न्यूनतम शुल्क पर बिना लाभ के स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहा है।