बरेली। शहर में आज एक बेहद आकर्षक और यादगार कार्यक्रम हुआ। आदिवासी उत्थान कल्याण समिति की ओर से कर्मा पूजा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। आदिवासी समाज के कलाकारों ने अपनी प्राचीन परंपरा और संस्कृति का पालन करते हुए नृत्य और संगीत के कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उद्यमी और पत्रकार व प्रेस क्लब के अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना ने कहा कि आदिवासी समाज हमारी प्राचीन संस्कृति का संवाहक है, इसको सुरक्षित, संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
सिविल लाइंस के शहनाई बारात घर में हुए कार्यक्रम में कर्मा पूजा के महत्व को समझाया गया। बरेली में आदिवासी समाज के कई परिवार निवास करते हैं तथा कई परिवार विभिन्न सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। पारंपरिक परिधानों से सजे धजे समाज के कलाकारों ने सबसे पहले मुख्य अतिथि का मुख्य द्वार से स्वागत किया फिर ढोल बजाकर नृत्य करते हुए उनको लेकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे।
झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मूल आदिवासी बड़ी संख्या में आज यहां इकट्ठा थे। विभिन्न सांस्कृतिक समूहों ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। मंच पर डा. पवन सक्सेना को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डा. पवन सक्सेना ने अपने संबोधन की शुरुआत जय जोहार से की। प्रसन्न आदिवासी समाज उत्साहित हुआ। डा. पवन सक्सेना ने कहा कि आदिवासी समाज हमारी प्राचीन संस्कृति का प्रतीक हैं। कहीं ना कहीं पीढ़ियों पहले हम सभी की जड़ें इसी समाज से जुड़ी हैं। इनको सुरक्षित रखना, संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। डा. पवन सक्सेना ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए जब भी उनकी जरूरत होगी वह सदैव साथ खड़े मिलेंगे। इस अवसर पर समिति सचिव धनेश्वर के बुलावे पर सभी महिला कलाकार मंच पर आईं, जिनकों डा. पवन सक्सेना ने सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व लोकतंत्र रक्षक सेनानी वीरेन्द्र अटल, रेलवे अधिकारी सत्यनारायण, पत्रकार मुकेश तिवारी, ललित कुमार, अशोक शर्मा लोटा, पुत्तन सक्सेना, शुभम सिंह, शंकर लाल आदि को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजक सचिव धनेश्वर ने आज के आयोजन की रूपरेखा को लेकर अपने विचार व्यक्त किए तथा सभी आगंतुकों का धन्यवाद दिया। इस अवसर पर पूर्णिमा भगत, आशा देवी, सुमित्रा, मणी डिगा, विमला देवी, गिरिजा देवी, हरीमनी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन बलराम ने किया।