नंद बाबा ने सभी को इतना दान दिया जिस पर कुबेर भी कहते हैं कि खजाने का अधिपति मुझे बनाया गया है: पं.अशोक शास्त्री

परमात्मा जब किसी को सुख देना चाहते हैं तब यदि पूरी सृष्टि भी उसके विपरीत हो तब भी वह सुख उसे अवश्य प्राप्त होता है

बरेली के प्राचीनतम एवं भव्यतम बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में संगीतमयी श्री मद्भागवत महापुराण कथा के पंचम दिवस पर वृंदावन के सुप्रसिद्ध कथा व्यास पं.अशोक शास्त्री ने कहा कि परमात्मा जब किसी को सुख देना चाहते हैं तब यदि पूरी सृष्टि भी उसके विपरीत हो तब भी वह सुख उसे अवश्य प्राप्त होता है।
कथा व्यास ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म होता है ,मथुरा में राजा कंस के कारागार में माता देवकी की कोख से परंतु भगवान की लीलाओं का आनंद मिला यशोदा मैया,नंद बाबा और बृजवासियों ने,यह विधाता की लीला और प्रारब्ध ही है।
कथा व्यास कहते हैं कि जन्म कहीं और तथा उस लीला का आनंद कहीं और का सीधा सा मतलब है कि अगर भगवान ने सोच लिया कि अमुक व्यक्ति को सुख मिलना है तब संसार के प्राणी चाहें कितना विरोध करें परंतु नियती भी उसको न रोक सकती है और न ही बदल सकती है।विधाता को नंद बाबा को 85 वर्ष की अवस्था में संतान का सुख देना था और कितनी प्रसन्नता नंद बाबा को इस बुढ़ापे में संतान का सुख प्राप्त हुआ। कथा व्यास कहते हैं कि मनुष्य के कुछ परिणाम कर्म के कारण होते हैं और कुछ विधाता की लेखनी के कारण । परंतु अंत में ॠषि मुनी कहते हैं कि
” होई है वहीं जो राम रच राखा ”
कथा व्यास कहते हैं कि श्री कृष्ण जन्म पर समस्त ब्रज में एक अलौकिक हरियाली प्रतीत हो रही थी मानो प्रकृति भी अपने आराध्य के आने की खुशी मना रही हो और प्रफुल्लित हो रही हो। नंद बाबा ने सभी को इतना दान दिया जिस पर कुबेर भी कहते हैं कि खजाने का अधिपति मुझे बनाया गया है परंतु नंद बाबा जितना दान मैं भी नहीं कर सकता था।
कथा व्यास कहते हैं कि बाल कृष्ण को मारने के लिए कंस पूतना नामक राक्षसी को भेजता है जो बहुत सुंदर रूप धर के भगवान को मारने आती है।बाल कृष्ण जब पूतना का संहार करते हैं तब अपने नेत्र बंद कर लेते हैं क्योंकि पूतना अविद्या स्वरूप है तथा अविद्या को अपनी नेत्रों के द्वारा समाप्त कर देते हैं और पूतना का उद्धार करते हैं।
कथा व्यास कहते हैं कि बृज में बाल कृष्ण की लीलाओं से जीवंत हो जाता है।प्रभु कभी किसी गोपी के घर पर माखन चोरी करते हैं ,कभी गोपियों द्वारा दिए गए माखन के प्रलोभन पर नृत्य करने लगते हैं,कभी अपने छोटे छोटे पैर पर भाग भाग कर सबको रिझाते हैं‌।
आज की कथा के उपरांत वहां उपस्थित काफी संख्या में भक्तजनों ने श्रीमद्भागवत जी की आरती करी तथा प्रसाद वितरण हुआ।
आज के कार्यक्रम में मंदिर सेवा समिति के प्रताप चंद्र सेठ, मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल तथा हरिओम अग्रवाल का मुख्य सहयोग रहा।