पीरो मुर्शिद मियां हुज़र रह. का (40वाँ) उर्से चेहलुम 29 नवंबर को होगा

10 बजे से दोपहर 2 बजे तक तकारीरी प्रोग्राम होगा

बरेली । पीर दरगाह शाह शराफ़त अली मियां पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया प्रेस वार्ता हाफ़िज़ मुहम्मद शेख शाहिद सकलैनी की अध्यक्षता में हुई।
शेख शाहिद सकलैनी ने प्रेस को रूबरू करते हुए बताया कि अभी बीते एक माह पहले 20 अक्तूबर दिन जुगा हमारे सबके पीरो मुरशिद राध्यदी आकाई हजरत शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुजूर अलैहिर्रहमा नासाजी ए तबियत की वजह से अचानक इस दुनिया ए फ़ानी से रुखसत हो गए पीरो मुर्शिद मियां हुज़र रह. का (40वाँ) उर्से चेहलुम 29 नवंबर को होगा।
दरगाह शरीफ़ के प्रवक्ता / मीडिया प्रभारी हमज़ा सकलैनी ने बताया कि किब्ला मियां हुजूर अलैहिर्रहमा का (40वाँ) यानी उर्से चेहलुम 29 नवंबर बरोज़ बुध को होगा, सुबह बाद नमाज़ फज कुरआन ख्वानी होगी और इसके बाद 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक तकारीरी प्रोग्राम होगा जिसमें उल्मा ए किराम साहिबे उर्स हज़रत शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुजूर के तअल्लुक से अपने तस्सुरात ब्यान करेंगे। तकारीरी प्रोग्राम के बाद कुल शरीफ़ की फातिहा होगी।
उर्स ए चेहलुम में शिरकत करने के लिए बहुत सी खानकाहों के सज्जादगान और जिम्मेदारान व उल्मा ए किराम तशरीफ़ ला रहे हैं।
बरेली की खानकाह नियाज़िया, खानकाह वामिक़या निशातिया, दरगाह नौमहला शरीफ, खानकाह शेरिया पीलीभीत शरीफ़, खानकाह अहमदिया भटपुरा शरीफ़, खानकाह शाह दरगाही मियां रामपुर शरीफ, खानकाह हाफ़िज़ शाह जमालुल्लाह रामपुर शरीफ, खानकाह इमाम रब्बानी मुजद्दिद अलिफसानी सरहिंद शरीफ पंजाब, खानकाह क़ादिरिया बदायूं शरीफ़, दरगाह साबिरे पाक कलियर शरीफ़, दरगाह हज़रत शेख शमसुद्दीन तुर्क पानीपती, दरगाह मुनेमिया पटना बिहार, खानकाह आरिफिया सय्यद सरावां शरीफ़ वगैरह और इसका अलावा बहुत से उल्मा ए किराम तशरीफ़ ला रहे हैं।
हज़रत शाह सकलैन एकेडमी के सचिव हाजी लतीफ़ सकलैनी ने बताया कि उर्से चेहलुम में शिरकत करने के लिए मियां हुजूर के जनाज़े में उमड़ी लाखों भीड़ की भांति पूरे विश्व से मुरीदीन बड़ी तादाद में आ रहे हैं।
प्रेस वार्ता में मौलाना मुख्तार सकलैनी, गुलाम मुर्तुजा, मौलाना हफीज़ सकलैनी, मुंतासिब सकलैनी, हाजी इंतज़ार हुसैन, हाफ़िज़ जाने आलम, अफताब सकलैनी, मन्ना सकलैनी, शाहिद सकलैनी, जावेद सकलैनी, अबरार सकलैनी, इमरान सकलैनी, रिज़वान सकलैनी, निज़ाम सकलैनी, तनवीर सकलैनी, यावर सकलैनी, मुकीत सकलैनी वगैरह मौजूद रहे।