बरेली । जीआरएम स्कूल नैनीताल रोड ब्रांच में श्री बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का शुभ आगमन हुआ। उन्होंने अपने संबोधन में शिक्षकों को समाज का नेतृत्व कारक बताते हुए अनेक दृष्टांतों के माध्यम से लगन, धैर्य, परिश्रम, ईमानदारी, अपनत्व, क्षमा, पुरस्कार आदि पर अपने उच्च विचार प्रकट किए। नई शिक्षा नीति से लेकर चंद्र व सूर्य तक बढ़ते भारत के कदमों की उन्होंने बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सद्गुरुओं का ही योगदान विद्यार्थियों को सामाजिक तौर पर योग्य एवम संस्कारवान बनाकर उन्हें देशसेवा और मानव सेवा की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर उन्होंने भारत की उस समृद्ध परंपरा का भी उल्लेख किया जिसके अंतर्गत प्राचीन ऋषि मुनियों ने शून्य एवम पूर्णांक से विश्व को परिचित करा कर अचंभित किया। ज्ञान विज्ञान से संसार को लाभान्वित किया। अपने उद्बोधन से पहले उनियाल जी ने माता सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया।
इससे पहले विद्यालय प्रबंधक राजेश जौली ने उनियाल जी को शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल भेंटकर उनका स्वागत किया। निदेशक त्रिजित अग्रवाल, प्राचार्य रनवीर सिंह रावत, जीआरएम डोहरा के प्रिंसिपल शील सक्सेना, गुलाबराय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य एस पी पांडेय एवम जूनियर विंग की समन्वयक विनीता सक्सेना ने भी उनियाल जी का स्वागत किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पारुल अग्रवाल, ऋद्धि अग्रवाल एवम बीना अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर जूनियर सीनियर विंग के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।
बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी का जीआरएम में आगमन
नई शिक्षा नीति से लेकर चंद्र व सूर्य तक बढ़ते भारत के कदमों की उन्होंने बहुत प्रशंसा की
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