बरेली: पर्वाधिराज दशलक्षण पर्व के समापन पर आए क्षमावाणी पर्व पर जैन मंदिर बिहारीपुर में शनिवार सुबह नित्य नियम पूजन के बाद कल्याण मंदिर विधान हुआ। इसमें अपनी निर्मल भक्ति समर्पित करते हुए अष्ट द्रव्यों से अर्घ समर्पित किए गए। इसके बाद भगवान श्री महावीर स्वामी जी की पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें कूपन के माध्यम से इंद्रो का चुनाव किया गया।
पीत वस्त्रों को धारण कर इंद्रो ने भगवान जी की पालकी को उठाया और मंगल घंटे व बैंड बाजों की धुन पर धर्मावलंबी झूमते हुए यात्रा में सम्मिलित हुए और वातावरण गगन भेदी जयकारों से गूंज उठा। कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता सौरभ जैन ने कहा कि जब आप क्षमा करते हैं तो दूसरों के खिलाफ आगामी आक्रोश का अंत कर मतभेद, खिलाफत पर विराम लगाते हैं, फिर दूसरों को सजा देने का मन में कोई शोर नहीं होता और हर प्रकार की हिंसा का अंत होता है।
जाने-अनजाने हुई गलतियों के लिए मांगी जाती है क्षमा
मंदिर के मंत्री प्रकाश चंद्र जैन ने कहा की विश्व इतिहास में पहला पर्व है, जिसमें शुभकामनाएं, बधाई, उपहार ना देकर अपने जाने-अनजाने समस्त गलतियों, अपराधों के लिए क्षमा याचना की जाती है। उन्होंने आगे कहा कि भगवान महावीर ने कहा था कि जिसे तुम चोट पहुंचाते हो, जिसका तुम बुरा करते हो, अंतोगत्वा तुम ही हो। यात्रा के पुन: मंदिर में पहुंचने पर मंत्रोंचार के साथ भगवान का अभिषेक व प्रक्षाल किया गया।
कलश सजाओं प्रतियोगिता में तनीषा जैन, संगीता जैन, रूपाली जैन, राशि जैन, शालिनी जैन ने पुरस्कार प्राप्त किया। वहीं, दशलक्षण महापर्व के 10 दिनों में सभी ने अपनी प्रतिदिन के कार्यों से विरक्त रह के खूब धार्मिक कार्यक्रमों का आनंद लिया और उत्साह के साथ पर्व मनाया। आज मंदिर में सभी धर्मावलंबियों ने एक दूसरे से हाथ जोड़ के क्षमा याचना भी की। कार्यक्रम में सर्वश्री राजेश जैन, भूपेंद्र जैन, सुभाष जैन, संजय जैन, राजेंद्र जैन, सतेंद्र जैन, वैभव जैन, सुधीर जैन, कुनाल जैन, विकास जैन, के.के. महेश्वरी, सुमन कुमार जैन आदि भक्त जन रहे।