लोकी, तुरई, करेला, धनियां , पौदीना , हरीमिर्च, टमाटर , सब्जियों को घर मे उगाए बीमारी से बच्चे

मिशन : घर में मां देख भाल कर लेगी

बरेली। कायस्थ चेतना मंच ब पर्यावरण गतिविधि द्वारा आयोजित नवरात्रि के पावन पर्व पर घर में मां देख-भाल कर लेगी कार्यक्रम के संयोजक शोभित राजकुमार अपनी योजना का प्रस्तुतीकरण करने हेतु आमंत्रित किया गया है । उन्होंने प्रेसवार्ता में बताया कि हमारा लक्ष्य पौधारोपण को एक ऐसी योजना को अमल में लाना है जो कि कृषि नीति को लाभान्वित कर सके। आज के युग में हम लोग जो घरों में सब्जियां इस्तेमाल करते हैं वह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं क्योंकि वह यूरिया या इंजेक्शन द्वारा पैदा की जाती हैं। यदि हम यही सब्जियां घर के गमलों में या पुराने खराब पानी के टैंकों में मिट्टी भर कर घरेलू खाद से उत्पन्न करें तो हमें स्वास्थ्यबर्धक सब्जियां उपलब्ध हो सकती हैं जैसे लोकी, तुरई, करेला, धनियां , पौदीना , हरीमिर्च, टमाटर आदि । जब बाजार में सब्जियों के भाव काफी बढ़ जाते हैं उस समय गरीब परिवार की रसोई में सब्जियों की संख्या घटनी शुरू हो जाती है और मध्यम वर्ग मजबूरी में बाजार से मंहगी सब्जियां खरीदने के लिए बाध्य होते हैं। इस मिशन को घर-घर पहुंचाने का संकल्प लेते हैं केन्द्र और राज्य सरकार से अपेक्षा की जाती है जो हम करोड़ों रूपया प्रतिवर्ष खराब करते हैं जिसका कोई रिटर्न नहीं होता यदि इसके स्थान पर हम परिवारों को बीज या पौध उपलब्ध करायें तो इसका फायदा अधिक होगा। और वृक्षारोपण को साकार रूप दिया जा सकता है। इससे बीमारियां कम होंगी और हर व्यक्ति को लाभान्वित भी होगा और यदि कोई किसान वर्ग अपने खेत में स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां उगाता है तो सरकार से आग्रह है उसे प्राथमिकता के आधार पर एग्रीकल्चर लोन एवं एडवांस दिया जाये। यह सरकार की अपनी योजना के तहत हो। इसको हम किचन गार्डन की तरह की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसलिए इस मिशन का नाम घर में मां देख-भाल कर लेगी रखा गया है। संस्था के अध्यक्ष संजय सक्सेना ने बताया हमारा मिशन हर घर में एक किचन गार्डन के रूप में इसका इस्तेमाल हो और हमें स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां उपलब्ध हो सकें। पर्यावरण गतिविध महानगर प्रमुख रचना सक्सेना ने बताया कि जब सब्जियां मंहगी होती है तो एक महिला को अपने बजट में घर चलाना मुश्किल होता है यदि इस मिशन पर परिवार की महिलाएं अगर काम करेंगी तो कुछ बचत भी कर सकती हैं।