विश्वविद्यालय प्रशासन का विद्यार्थी परिषद और आंदोलित छात्रों को कूड़ा बीनने बाला बताना दुर्भाग्यपूर्ण – अभाविप

कुलपति की आदेशानुसार आंदोलित छात्रों को कूड़ा बीनने बाला बताना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

बरेली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बरेली महानगर की एक महत्त्वपूर्ण वैठक कटरा मानराय बड़ा बाजार बरेली में सम्पन्न हुई वैठक में रुहेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे छात्र आन्दोलन की आगामी रणनीति पर योजना तैयार की गई।
विद्यार्थी परिषद द्वारा 13 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार जारी आंदोलन को लेकर विश्वविद्यालय प्रसासन का कोई भी सकारात्मक रवैया दिखाई नहीं देता।
कल रूहेलखंड विश्वविद्यालय के गेट पर विश्वविद्यालय के कुलपति का पुतला दहन किया गया ततपश्चात विश्वविद्यालय के मीडिया सेल ने कुलपति की आदेशानुसार आंदोलित छात्रों को कूड़ा बीनने बाला बताना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
परिषद में कार्य करने बाले छात्र एवं अनुसूचित वर्ग एक स्वर में इस बयान की निंदा करते हुए महानगर के कार्यकर्ता नितिन बाल्मीकि और महानगर सह मंत्री आनंद कठेरिया ने कहा कि आंदोलन करने बाले छात्र अगर विश्वविद्यालय के कुलपति को अनपढ़ और कूड़ा उठाने बाले उन कुलपति को लगते हैं जो अपने को पढ़ा लिखा मानते ऐसे बयान के बाद उनकी मानसकि स्थित ठीक न होना और उनकी सामंतवादी दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
दलित छात्र और अनुसूचित वर्ग प्रसासन से मांग करता है कि प्रसासन स्वतः संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय के जिम्मेदार व्यक्तिओ पर कार्यवाही करे।
प्रान्त कार्यकरिणी सदस्य यश चौधरी ने बताया कि एक तरह देश में दलितों को आगे बढ़ाने और उनको सम्मान दिलाने के लिए देश और प्रदेश की लोकतांत्रिक सरकार प्रयासरत है वहीं दलित विरोधी सोच रखने बाले एक व्यक्ति को शिक्षा के मंदिर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ कुलपति बना दिया गया है ये दुर्भाग्यपूर्ण है। बैठक में नितिन महेश्वरी , अनिकेत लल्ला ,अवनी , शर्यान्श बाजपेई सहित अनेको कार्यकर्ता मौजूद रहे।