हाईवे में गई जमीन का मुआवजा की मांग करते हुए किसान बैठे धरने पर , मुआबजा नही मिला भूखे मर जाएंगे

धरने पर बैठे किसान हरिनंदन पटेल का कहना है कि वर्ष 2013 में हमारी भूमि को नेशनल हाईवे के लिए अधग्रहित किया गया था

बरेली । पिछले 2 दिनों से पूर्व मंत्री सांसद संतोष कुमार गंगवार के कार्यालय भारत सेवा ट्रस्ट के बाहर धरने पर बैठे हैं और सरकार से हाईवे में गई अपनी जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो वो खुद को भूंखा रखकर खत्म कर लेंगे।

धरने पर बैठे किसान हरिनंदन पटेल का कहना है कि वर्ष 2013 में हमारी भूमि को नेशनल हाईवे के लिए अधग्रहित किया गया था। तब से 29 गांवों के लगभग 600 के करीब किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।तब से लगातार सारे किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार आश्वाशन पर आश्वाशन दिया जाता है मुआवजा नहीं दिया जाता। उनका कहना है कि अब वो पिछले 2 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलता वो यहां भूंखे प्यासे बैठे रहेंगे और खुद को खत्म कर लेंगे।
वहीं धरने पर बैठी बिलवा गांव की रामवेटी का कहना है कि उनकी बेटियां जवान है और उनकी शादी करना है। लगभग 10 साल बीत चुके हैं उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। उन्हें लगातार सिर्फ आश्वाशन ही दिया जाता है।

हाईवे में गई जमीन का मुआवजा की मांग करते हुए किसान बैठे धरने पर , मुआबजा नही मिला भूखे मर जाएंगे
हाईवे में गई जमीन का मुआवजा की मांग करते हुए किसान बैठे धरने पर , मुआबजा नही मिला भूखे मर जाएंगे

अगर उन्हें मुआवजा नहीं देना है तो उन्हे जहर दे दें। धरने पर बैठी महिला रामवेटी ने कहा कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल जाता वो धरने पर बैठी रहेंगी चाहे इसमे उनकी जान क्यों न चली जाए।
भाजपा जिलाध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि इनका मामला सपा और कांग्रेस के शासन काल का है। इस मामले में कई बार वार्ता की जा चुकी है। मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। जल्द ही मामले का निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व मंत्री संतोष गंगवार इस बख्त दिल्ली में है वो भी अपने स्तर से मामले को निपटाने का प्रयास कर रहे हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार के द्वारा भी प्रयास किया गया है। कोशिश की जा रही है कि इनका समस्या का जल्द समाधान हो।