बरेली:- मुजफ्फरनगर में स्थित श्रीराम कालेज में छात्राओं ने की हिजाब पहनकर नोमाइश इस पर जामियत उलमा ए हिन्द और सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क के बयानों पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि हिजाब एक धार्मिक लिबास है इसलिए हिजाब को बहस का मुद्दा न बनाया जाए, जिन लड़कियों ने हिजाब पहनकर नोमाइश की है उसमें कोई मर्द शामिल नहीं था, वो सिर्फ़ महिलाओं का ही कार्यक्रम था इसलिए उन बच्चियों के साथ सुहूलत और रियायत दी जाएगी। हिजाब पहनकर नोमाइश के स्टेज़ पर चलना फिरना इतना बड़ा जुर्म नहीं की उन बच्चियों के खिलाफ कानूनी और शरई कार्यवाही की जाए। उन लोगों को गम्भीरता से विचार करना चाहिए कि ये दस बारा साल की बच्चियां शारियत का ज्ञयान नहीं रखती है और इनके माता पिता भी बहुत ज्यादा शारियत के ज्ञानी नहीं है, ऐसी सूरत में इन बच्चियों के साथ इनके परिवार वालों को समझाने और शरई बात बताने की जरूरत है, न कि इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात हो।
मौलाना ने कहा की इन बच्चियों ने अपने पूरे जिस्म को बहुत कायदे के साथ हिजाब से डक रखा था , मगर आजकल हिजाब लिबास की डिजाइनिंग अलग अलग तरह की की गई है, जिसमें हिजाब की सादगी खत्म हो कर एक नए फैशन का रूप ले लिया है इसलिए महिलाओं को और डिजाइन बनाने वाली कंपनियों को एहतियात से काम लेने की जरूरत है। इस्लाम ने महिलाओं को आजादी के साथ रहने सहने खाने पीने और सुरक्षा प्रदान किए जाने के वसूल बताएं है, इन्हीं वसूलों में एक हिजाब लिबास भी आता है, हिजाब को सियासी मुद्दा न बनाया जाए गत दिनों कनार्टक में इसी तरह का एक मुद्दा बन चुका है जिसका नतीजा सिवाय बदनामी के और कुछ नहीं मिला।