आवास स्वीकृत होने के बावजूद खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है ग्रामीण

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उसकी पत्नी पूनम के नाम आवास स्वीकृत हुआ था

बरेली। केंद्र वह प्रदेश सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दे रहे हैं, लेकिन स्थानीय हकीकत बिल्कुल इसके उलट है। जिम्मेदार लोग शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। इसकी वानगी ब्लॉक शेरगढ़ के गांव वरीपुरा में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान को देखकर लगाया जा सकता है। सुविधा शुल्क न देने की वजह से जिम्मेदार लोग दूसरी किस्त दिलवाने से परहेज कर रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण अपने परिवार के साथ कड़ाकड़ती सर्दी में भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। तहसील बहेड़ी के ब्लॉक शेरगढ़ की ग्राम पंचायत वरीपुरा निवासी अयोध्या प्रसाद ने जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देकर ग्राम प्रधान व सचिव पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप लगाया। पीड़ित ने बताया प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उसकी पत्नी पूनम के नाम आवास स्वीकृत हुआ था। पहली किस्त 8 महा पूर्व मिल गई। उसने अपनी झोपड़ी तुड़वाकर मकान बनवाना शुरू किया। बताया चार दिवारी बनकर खड़ी हो गई है। लेकिन दूसरी किस्त न मिलने की वजह से वह अपने परिवार के साथ खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है। बताया दूसरी किस्त दिलवाने के नाम पर ग्राम प्रधान 15000 खुद के व 15000 सेक्रेटरी के नाम पर सुविधा शुल्क देने का दवाव बना रहा है, साथ ही धमकी दी है जब तक सुविधा शुल्क नहीं मिलेगा तब तक तुम्हारे खाते में दूसरी किस्त के रुपए नहीं आएंगे।