काकोरी के रहमान खेड़ा जंगल मे बाघ का आतंक जारी, वन विभाग को सर्च ऑपरेशन में नहीं मिली सफलता

लखनऊ : काकोरी के रहमान खेड़ा जंगल मे घूम रहे बाघ से ग्रामीण दहशत में हैं. सोमवार को खेतों में बाघ के पैरों के निशान मिलने का दावा किया गया. वहीं, जंगल से सटे गावों में बाघ दहाड़ मार रहा है. दहाड़ सुनकर ग्रामीण दहशत में हैं, रहमान खेड़ा के जंगल सहित पड़ोसी गांवो में बाघ और वन विभाग की लुकाछिपी का खेल पिछले दो सप्ताह से चल रहा है, लेकिन वन विभाग का ऑपरेशन अभी तक कोरा ही साबित हुआ है. वन विभाग की ओर से लगाए गए कैमरों में अभी तक बाघ कैप्चर नहीं हो सका.

रहमान खेड़ा के जंगलों में पिछले दो सप्ताह से बाग की मौजूदगी से सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसा माहौल बन गया है कि जंगल में अन्य पशु पक्षियों की चहल कदमी और आहट में कमी दिख रही हैं. रहमान खेड़ा जंगल के करीब ही गुरुदीन खेड़ा गांव के ग्रामीण अपने खेतों की तरफ गए तभी खेतों में बाघ के पग चिन्ह देख वापस लौट आए और घटना की जानकारी वन विभाग को दी.

वहीं गुरुदीन खेड़ा से कुछ ही दूरी पर कसमंडी कला गांव है ग्रामीण आनंद साहू ने बताया कि सुबह साढ़े चार बजे वह उठे और अपनी छत पर गए जहां उन्हे तेज दहाड़ सुनाई दी. सात बार बाघ ने दहाड़ लगाई. इससे भयभीत बंदर गांव की गलियों और पेड़ो पर दुबक गए. बाघ की चहल कदमी से इलाके के लोग भयभीत हैं. धीरे-धीरे अब बाघ माल क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा है. वहीं, नई बस्ती धनेवा, मोहम्मदनगर, रहमतनगर, हसनापुर आदि गांवो में बाघ की आहट से लोग डरे सहमे हैं. इस माहौल मे दर्जनों गांवो के बच्चों के स्कूल प्रभावित हो रहे हैं और किसानो के कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि वन्यजीव संभावित क्षेत्रों में 12 कैमरा, 2 पिंजड़े और थर्मल ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है. वन विभाग की ओर से वन्यजीवों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.