नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार (21 सितंबर) को राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक यानी महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है। आज सुबह सबसे पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बिल पेश किया और फिर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने बिल के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता चाहिए।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये बिल महिलाओं पर अहसान नहीं, बल्कि उनका वंदन और अभिनंदन है। अगर ये बिल आज पास होता है तो 2029 तक 33 फीसदी महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी।
खड़गे के बयान पर नड्डा का जवाब
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कबीर का दोहा ‘काल करे सो, आज कर’ सुनाया और तुरंत आरक्षण लागू करने की मांग की। इसके जवाब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देते हुए कहा कि बीजेपी का उद्देश्य सियासी फायदा लेने का नहीं है। सरकार नियमों से काम करती है और पक्का काम करने में विश्वास रखती है।
इस बयान पर विपक्षी सांसद ‘नो-नो’ करने लगे तो जेपी नड्डा ने कहा कि ‘नो-नो’ करने वालों को शासन करना नहीं आया। अगर शासन करना आता तो पता होता कि नियम-कानून भी कोई चीज है। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सिल्वर स्पून के साथ पैदा होते हैं, उन्हें गरीबों की परेशानियां नहीं पता होतीं। एक लीडर को लीडर बनना पड़ता है, सिखाए हुए बयान देने से काम नहीं चलता।