रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर नवा रायपुर आ रहे हैं.मोदी के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. पीएम मोदी इस दौरान 25 साल के छत्तीसगढ़ के सफरनामा का परिक्रमा पथ पर गौरव सम्मान के अलावा छत्तीसगढ़ के वैसे 2500 बच्चों से दिल की बात करेंगे. ये वो बच्चे हैं जिनका संजीवनी अस्पताल में निशुल्क दिल का ऑपरेशन हुआ है. पीएम मोदी अपने दौरे में आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संग्रहालय का शुभारंभ भी करेंगे. इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी राज्य उत्सव का शुभारंभ करेंगे,जिसमें वो आम जनता को संबोधित करेंगे.
पीएम मोदी का मिनट टू मिनट कार्यक्रम : सुबह 10 बजे : ‘दिल की बात’ कार्यक्रम के तहत नवा रायपुर अटल नगर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में ‘जीवन का उपहार’ समारोह में जन्मजात हृदय रोगों का सफलतापूर्वक उपचार करा चुके 2500 बच्चों से बातचीत करेंगे.
सुबह 10:45 बजे : ब्रह्माकुमारी के शांति शिखर का उद्घाटन करेंगे. जो आध्यात्मिक शिक्षा, शांति और ध्यान का एक आधुनिक केंद्र है.
सुबह 11:45 बजे : नवा रायपुर अटल नगर स्थित छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इसके बाद वो छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. यह भवन ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर बनाया गया है. जिसे पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित और वर्षा जल संचयन प्रणाली से सुसज्जित करने की योजना है.
दोपहर 1:30 बजे : शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक एवं जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे.ये संग्रहालय राज्य के जनजातीय समुदायों के साहस, बलिदान और देशभक्ति की विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करेगा. प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में संग्रहालय पोर्टल और ई-बुक “आदि शौर्य” का शुभारंभ करेंगे. स्मारक स्थल पर शहीद वीर नारायण सिंह की घुड़सवार प्रतिमा का अनावरण करेंगे.
दोपहर 2:30 बजे : छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे प्रमुख सेक्टरों से जुड़ी 14260 करोड़ रुपए से अधिक के परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए छत्तीसगढ़ के नौ जिलों में 12 नए स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) ब्लॉकों का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री 3.51 लाख पूर्ण हो चुके घरों के गृह प्रवेश में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 3 लाख लाभार्थियों को 1200 करोड़ रुपये की किश्तें जारी करेंगे.
ग्रीनफील्ड हाईवे की आधारशिला : प्रधानमंत्री कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पत्थलगांव-कुनकुरी से छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा तक चार लेन वाले ग्रीनफील्ड हाईवे की आधारशिला रखेंगे. इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 3150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रही है. ये गलियारा कोरबा, रायगढ़, जशपुर, रांची और जमशेदपुर में प्रमुख कोयला खदानों, औद्योगिक क्षेत्रों और इस्पात संयंत्रों को जोड़ेगा.
बस्तर और नारायणपुर जिलों में कई खंडों में फैले राष्ट्रीय राजमार्ग-130डी (नारायणपुर-कस्तूरमेटा-कुतुल-नीलांगुर-महाराष्ट्र सीमा) के निर्माण और उन्नयन की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-130सी (मदंगमुडा-देवभोग-ओडिशा सीमा) को पक्के शोल्डर वाले दो-लेन राजमार्ग में उन्नत करने का भी उद्घाटन करेंगे. इससे जनजातीय और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क में वृद्धि होगी.
प्रधानमंत्री विद्युत क्षेत्र में अंतर-क्षेत्रीय ईआर-डब्ल्यूआर इंटरकनेक्शन परियोजना का उद्घाटन करेंगे. जिससे पूर्वी और पश्चिमी ग्रिडों के बीच अंतर-क्षेत्रीय विद्युत अंतरण क्षमता में 1600 मेगावाट की वृद्धि होगी. ग्रिड विश्वसनीयता में सुधार होगा और पूरे क्षेत्र में स्थिर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी. प्रधानमंत्री इसके साथ ही 3750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई ऊर्जा क्षेत्र परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की बिजली अवसंरचना को सुदृढ़ करना, आपूर्ति विश्वसनीयता में सुधार करना और ट्रांसमिशन क्षमता को बढ़ाना है.
प्रधानमंत्री पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत लगभग 1860 करोड़ रुपए के कार्यों को समर्पित करेंगे. इनमें नई बिजली लाइनों का निर्माण, फीडर का विभाजन, ट्रांसफार्मरों की स्थापना, कंडक्टरों का रूपांतरण और ग्रामीण एवं कृषि बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए निम्न-दाब नेटवर्क को सुदृढ़ करना शामिल है.
प्रधानमंत्री रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बेमेतरा, गरियाबंद और बस्तर जैसे जिलों में लगभग 480 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नौ नए बिजली सब स्टेशनों का भी उद्घाटन करेंगे. राज्य में बिजली की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई जिलों में नए आरडीएसएस कार्यों के साथ-साथ कांकेर और बलौदाबाजार-भाटापारा में प्रमुख सुविधाओं सहित 1415 करोड़ रुपए से अधिक के नए सब स्टेशनों और ट्रांसमिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी.
एचपीसीएल तेल डिपो का उद्घाटन : प्रधानमंत्री पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में रायपुर में एचपीसीएल के अत्याधुनिक पेट्रोलियम तेल डिपो का उद्घाटन करेंगे. ये डिपो 460 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित है और इसकी भंडारण क्षमता 54,000 किलोलीटर पेट्रोल, डीजल और इथेनॉल की है. यह सुविधा केंद्र एक प्रमुख ईंधन केंद्र के रूप में काम करेगा और छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. 10000 किलोलीटर इथेनॉल भंडारण क्षमता के साथ, यह डिपो इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम का भी समर्थन करता है.
नागपुर झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन : प्रधानमंत्री 1950 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 489 किलोमीटर लंबी नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का भी लोकार्पण करेंगे. ये परियोजना भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने और “एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड” का लक्ष्य अर्जित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ये पाइपलाइन छत्तीसगढ़ के 11 जिलों को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ेगी.जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र को स्वच्छ एवं किफायती ईंधन उपलब्ध होगा.
दो स्मार्ट औद्योगिक क्षेत्रों की आधारशिला : प्रधानमंत्री औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दो स्मार्ट औद्योगिक क्षेत्रों एक जांजगीर-चांपा जिले के सिलादेही-गतवा-बिर्रा में और दूसरा राजनांदगांव जिले के बिजलेटला की आधारशिला रखेंगे. इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-22 में एक फार्मास्युटिकल पार्क की आधारशिला रखेंगे. ये पार्क औषधि और स्वास्थ्य सेवा विनिर्माण के लिए एक समर्पित क्षेत्र के रूप में कार्य करेगा.
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा : प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पांच नए सरकारी मेडिकल कॉलेज मनेंद्रगढ़, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और गीदम (दंतेवाड़ा) में और बिलासपुर में सरकारी आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला रखेंगे. ये परियोजनाएं छत्तीसगढ़ में चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करेंगी, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाएंगी और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देंगी.
 
			 
				