त्योहार पर यात्रियों को राहत: आधार ओटीपी सिस्टम से तत्काल टिकट बुकिंग में घटा दलालों का दखल

लखनऊ: अब दीपावली और छठ त्योहार पर भी यात्रियों को तत्काल टिकट मिलने में समस्या नहीं होगी. चाहे वह रेलवे काउंटर पर लगे होंगे या फिर खुद तत्काल टिकट या फिर नॉर्मल रिजर्वेशन टिकट बुक कर रहे होंगे तो सीट मिलने की संभावना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा है. कारण है कि रेलवे ने टिकट बुकिंग की व्यवस्था में परिवर्तन किया है.

घर बैठे बुक हो रहा तत्काल टिकट: 15 जुलाई और एक अक्टूबर से लागू किए गए नए नियम का असर दिखने लगा है. पहले जहां दलाल सेंधमारी कर तत्काल की सीट बुक कर लेते थे, लेकिन अब आधार कार्ड के साथ टिकट बुक करने वाले व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर ओटीपी अनिवार्य हो गया है, तब से दलालों का काम तमाम हो गया है. अब लोग घर बैठे भी तत्काल टिकट बुक करने में सफल हो रहे हैं और काउंटरों पर भी उन्हें तत्काल टिकट मिल रहे हैं. ऐसे में त्योहार पर इस बार यात्रियों को काफी राहत मिलने की संभावना है.
यात्रियों को बड़ी राहत मिल रही: भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए बीती 15 जुलाई को बड़ा कदम उठाया था. नया नियम लागू किया था जिसमें तत्काल टिकट सिर्फ आधार ओटीपी से ही बुक किया जा सकता है. इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उन यात्रियों को मिलने लगा है जो ट्रेन टिकट बुकिंग करने की कोशिश तो करते थे लेकिन एजेंट्स की वजह से हर बार बेटिकट ही रह जाते थे. अब ऐसा नहीं हो रहा है.

ज्यादा तत्काल टिकट बुक हो रहे: पहले की तुलना में अब कहीं ज्यादा तत्काल टिकट आम यात्रियों के बुक होने लगे हैं. अब आधार कार्ड से जुड़ा मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से रखना होता है. टिकट बुक करने से पहले ओटीपी आता है और ओटीपी डाले बिना बुकिंग पूरी नहीं होती है. अब बिना आधार ऑथेंटिकेशन के तत्काल टिकट बुक करना संभव नहीं होता है जिसका सीधा फायदा अपने मोबाइल ऐप से या वेबसाइट पर टिकट बुक करने वाले आम यात्रियों को मिल रहा है.नई व्यवस्था से एजेंट्स का दखल कम हुआ: जुलाई माह से पहले टिकट बुक करते समय कोई वन टाइम पासवर्ड नहीं आता था. एजेंट्स सॉफ्टवेयर से सेकंडों में दर्जनों टिकट बुक कर लेते थे. 15 जुलाई से नया नियम लागू होने के बाद अब एसी क्लास के लिए सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक और स्लीपर क्लास के लिए सुबह 11 बजे से 11:30 बजे तक एजेंट्स को टिकट बुक करने की इजाजत ही नहीं दी गई है.

ये समय अब सिर्फ आम यात्रियों के लिए है, जिससे उन्हें अब कन्फर्म टिकट मिलना आसान हो गया है. सिर्फ ऑनलाइन ही नहीं, रेलवे स्टेशन के काउंटर से बुकिंग के समय भी अब आधार नंबर देना होता है और ओटीपी वेरिफाई करना पड़ता है. जब आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है उसके बाद ही टिकट कंफर्म बुक होता है. इससे टिकट बुकिंग में काफी पारदर्शिता आई है.1 अक्टूबर से ये नियम लागू: रेलवे ने एक अक्टूबर से तत्काल टिकट की तरह ही जनरल रिजर्वेशन टिकट की बुकिंग के लिए भी आधार वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया. अब आईआरसीटीसी वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जनरल रिजर्वेशन ओपन होने से पहले 15 मिनट में टिकट बुक करने के लिए आधार लिंक और ई-वेरिफिकेशन जरूरी है. बुकिंग के समय आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है, जिसे डालने के बाद ही टिकट कन्फर्म होता है.पहले 15 मिनट तक एसी और नॉन-एसी दोनों क्लास में एजेंट्स टिकट बुक नहीं कर पाते हैं, जिसका यात्रियों को सीधा लाभ मिल रहा है. रेलवे स्टेशन के पीआरएस काउंटर से टिकट बुक करने पर भी आधार नंबर पर वेरिफिकेशन ओटीपी के जरिए हो रहा है. इस नई व्यवस्था के तहत पहले 10 मिनट तक ऑथराइज्ड एजेंट टिकट बुक नहीं कर पा रहे हैं. उसके बाद अगर वे बुकिंग करते हैं तो उन्हें भी आधार वेरिफिकेशन कराना हो रहा है. इससे भी वास्तविक यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलना आसान हो रहा है.

मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर टिकट मिलना आसान: उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए ही भारतीय रेलवे ने टिकटों की बुकिंग व्यवस्था में बदलाव किया था. इसका सीधा असर देखने को भी मिलने लगा है. अब यात्रियों को मोबाइल ऐप के जरिए या फिर वेबसाइट पर टिकट आसानी से मिल जा रहे हैं. पहले उन्हें दिक्कत होती थी. इस बार त्यौहार में भी उन्हें पहले की तुलना में टिकट मिलना जरूर आसान होगा. नई व्यवस्था का सीधा फायदा यात्रियों को मिलने लगा है.