बाराबंकी:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के पास देश की कुल कृषि भूमि का 11 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन यूपी देश के कुल कृषि उत्पादन में 21 फीसदी योगदान देता है। यह बताता है कि प्रदेश का किसान मेहनती भी है और नवाचार की क्षमताओं से भी भरपूर है। सरकार प्रदेश के 28 जिलों में 4000 करोड़ की लागत से खेती में सुधार और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है।सीएम योगी शुक्रवार को हरख ब्लॉक के दौलतपुर गांव में पद्मश्री और प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा के फार्म पर आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने दौलतपुर में किसान पाठशाला और प्रगतिशील किसान सम्मेलन का उद्धाटन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से तमाम योजनाएं चलाई हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, पीएम किसान सम्मान निधि, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी ने बड़े स्तर पर किसानों को राहत दी है।सीएम योगी ने कहा कि परंपरागत खेती के साथ-साथ यदि किसान उच्च मूल्य वाली फसलों, सब्जियों, फल उत्पादन और प्राकृतिक खेती की दिशा में आगे बढ़ें तो उनकी आमदनी कई गुना बढ़ सकती है। उन्होंने पद्मश्री रामसरन वर्मा का उदाहरण देते हुए कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों और नवाचार को अपनाने से सीमित भूमि पर भी शानदार उत्पादन संभव है। सरकार किसानों को इसी दिशा में प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी प्रगति के बिना समृद्ध भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए सरकार हर जिले में किसान प्रशिक्षण, मॉडल फार्म और आधुनिक मार्केट से जोड़ने की व्यवस्था को मजबूत कर रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि खेती को लाभकारी बनाने के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे और किसान हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।