दिल्ली: भारत-इटली की दोस्ती को और मजबूत करने के लिए इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को अगले साल रोम आने का न्योता दिया. प्रधानमंत्री ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. यह दौरा कब होगा, फिलहाल इसकी कोई तिथि नहीं आई है.
PM मोदी के साथ अपनी मीटिंग पर इटली के डिप्टी PM और विदेश मामलों और इंटरनेशनल कोऑपरेशन मिनिस्टर, एंटोनियो ताजानी ने कहा, “…मैंने अपने PM, जॉर्जिया मेलोनी की तरफ से PM को इटली आने का न्योता दिया है. जवाब ‘हां’ मिला है. 2026 में, वह मेरे देश, इटली में होंगे…प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग बहुत पॉजिटिव रही. हमने भारत और इटली के बीच सुपर रिलेशन, IMEC (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) पर बात की. हमने इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन और शांति के बारे में भी बात की. यूक्रेन पर एग्रीमेंट के लिए रूस को आगे बढ़ाने में भारत बहुत जरूरी है. यह जरूरी है. अगले कुछ सालों के लिए कोऑपरेशन को मजबूत करना भी जरूरी है…” जब उनसे पूछा गया कि इटली के PM के भारत आने की संभावना कब है, तो उन्होंने कहा, “हमने ‘कब’ तय नहीं किया है. 2026 के दौरान…”बता दें कि भारत और इटली के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में $14.56 बिलियन का है. इसमें भारत, इटली को इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉर्मास्यूटिकल्स निर्यात करता है. वहीं इटली भारत को मशीनरी, रसायन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में योगदान दे रहा है.
इसके साथ ही दोनों देश 2025-2029 के लिए संयुक्त कार्य योजना के तहत प्रौद्योगिकी और निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में लगातार अच्छा काम हो रहा है.
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते नवंबर महीने में इटली का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने इटली में उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद प्रवासन साझेदारी समझौते और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम से संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे.
इसी के साथ दोनों नेताओं ने आसपी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के साथ-साथ पश्चिम एशिया की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और भारत-प्रशांत के मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा की थी.
उस समय जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी के साथ एक व्यापक और अच्छी बैठक हुई. हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की संभावनाओं के बारे में बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि कृषि-तकनीक, नवाचार, अंतरिक्ष, रक्षा और डिजिटल डोमेन में संभावनाओं का पता लगाये जाने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी.