लखनऊ/प्रयागराज: प्रयागराज माघ मेला 2026 की मिनी महाकुंभ जैसी तैयारी हो रही है. माघ मेला 3 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक (44 दिनों) चलेगा. इस दौरान 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मुख्य स्नान पर्वों पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा, ताकि आम श्रद्धालु बिना किसी बाधा के स्नान कर सकें. माघ मेला-2026 को केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन परंपरा और प्रशासनिक दक्षता का जीवंत प्रतीक है. वहीं, प्रयागराज जिला प्रशासन ने भक्तों की भारी भीड़ के मद्देनजर एक शवदाह स्थल को शिफ्ट किया है.
31 दिसंबर तक तैयारियां पूरी हो जाएं: मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार की शाम अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में माघ मेला के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 31 दिसंबर तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं. संबंधित प्रमुख सचिव, सचिव और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर 31 दिसंबर को मौके पर जाकर समीक्षा करेंगे. इस बार मेला क्षेत्र को 800 हेक्टेयर तक विस्तारित किया गया है. घाटों की लंबाई में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को ज्यादा सुविधा मिलेगी.3300 सफाई कर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे: मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 4599 संस्थाओं को भूमि आवंटन पूरा हो चुका है. सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए एआई आधारित सर्विलांस सिस्टम और रियल टाइम मॉनिटरिंग का इस्तेमाल होगा. पहली बार ऐप आधारित बाइक टैक्सी, क्यूआर कोड और अन्य हाई-टेक नवाचार लागू किए जाएंगे. स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. मेले में 16,650 शौचालय बनाए गए हैं और 3300 सफाई कर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे.शुल्क नियंत्रित करने के निर्देश: सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि माघ मेला को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज मॉडल बनाने का लक्ष्य है, ताकि गंगा-यमुना की पवित्रता बनी रहे. अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट के लिए बहुस्तरीय योजना तैयार की जा रही है. मेले में सांस्कृतिक आकर्षण भी बढ़ाया गया है. 19वीं-20वीं शताब्दी के माघ मेलों के लोक अभिलेख और दुर्लभ पांडुलिपियां प्रदर्शित की जाएंगी. नाविकों से संवाद कर खान-पान और सेवाओं के शुल्क नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैंमेले को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास: मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं का आदर्श बनेगा. महाकुंभ के अनुभव से सबक लेकर इस मेले को विश्व स्तरीय बनाने का प्रयास है. प्रयागराज में संगम तट पर आस्था का यह महासमागम श्रद्धालुओं को न केवल पुण्य प्रदान करेगा, बल्कि सनातन संस्कृति की झलक भी दिखाएगा. तैयारियां जोरों पर हैं और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.
प्रयागराज प्रशासन का अहम फैसला: वहीं, माघ मेला के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक अहम निर्णय लिया है. मोरी रोड के पास स्थित दारागंज शवदाह स्थल को अस्थायी रूप से शिवकुटी के पास स्थानांतरित कर दिया गया है. यह व्यवस्था मेला क्षेत्र में यातायात सुगमता, भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू की गई है.
प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि 27 दिसंबर 2025 से माघ मेला की समाप्ति 15 फरवरी 2026 तक दारागंज शवदाह स्थल पर शवदाह की अनुमति नहीं होगी. इस अवधि में परिजन अपने दिवंगत परिजनों का अंतिम संस्कार शिवकुटी स्थित नए अस्थायी शवदाह स्थल पर करेंगे. शवदाह के लिए आने वाले लोगों की सुविधा के लिए नागवासुकि मंदिर के सामने बनाई गई रिवर फ्रंट रोड के माध्यम से शिवकुटी तक पहुंचने की व्यवस्था की गई है. रास्ते पर दिशा-सूचक संकेतक लगाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.
आत्मदाह की कोशिश: माघ मेला 2026 की तैयारियों के बीच प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण कार्यालय पर शुक्रवार की देर रात हंगामा हो गया. जमीन न मिलने से नाराज एक तीर्थ पुरोहित ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की. इस दौरान वहां मौजूद पुलिस ने तीर्थ पुरोहित को आत्मदाह करने से रोका. मेलाधिकारी ऋषिराज ने कहा कि मेला क्षेत्र की अधिकांश जमीन का आवंटन पहले ही हो चुका है. इस बार बड़ी संख्या में नई संस्थाओं के आने से समस्या खड़ी हुई है. कुछ लोग जानबूझकर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे, जिस कारण पुलिस बुलानी पड़ी. अब नई संस्थाओं को मेला क्षेत्र में जमीन देना संभव नहीं है.