लखनऊ: यूपी की चर्चित मिल्कीपुर सीट के लिए उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा को यहां हिसाब बराबर करने की चुनौती है तो सपा को सीट बचाने के लिए पूरी ताकत लगानी होगी। अब बाजी किसके हाथ लगेगी, यह तो आठ फरवरी को ही पता चल सकेगा।
जनवरी 2024 में राममंदिर के उद्घाटन के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा फैजाबाद (अयोध्या) सीट हार गई। सपा ने इसे धर्म निरपेक्षता की जीत बताते हुए खूब प्रचारित किया। लोकसभा में भी यहां से जीते सपा सांसद अवधेश प्रसाद को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने साथ ही बैठने की व्यवस्था की। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के कारण ही रिक्त हुई है।
पूरे देश-दुनिया को दिया जाए ये संदेश
हाल ही में यूपी की नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा सात सीटें जीत गई। सपा के हिस्से दो सीटें ही आईं। अब मिल्कीपुर के उपचुनाव में सपा और भाजपा, दोनों ही दल अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। भाजपा नेतृत्व की कोशिश रहेगी कि इस सीट को जीतकर अयोध्या में भाजपा की मजबूत स्थिति का संदेश पूरे देश-दुनिया को दिया जाए।
जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही
वहीं, सपा भी इसे पुनः जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। अखिलेश यादव चाहते हैं कि अधिक से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लोग यहां आएं। अखिलेश ने पिछले उपचुनाव में भारी गड़बड़ियों का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि मीडिया के जमावड़े से सरकार प्रशासन की मदद से गड़बड़ियां नहीं कर पाएगी।