लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के तहत प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों और चार लाख के करीब चार लाख पेंशनरों के खाते में इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में हजारों रुपये आएंगे. यह धन करीब साढ़े चार हजार रुपये से लेकर 14 हजार रुपये तक कर्मचारियों के खाते में आएंगे. तीन प्रतिशत एरियर की जिस बढ़ोतरी का एलान दिवाली से पहले किया गया था, उसमें एक महीने का भाग आ गया था मगर अब जुलाई से सितंबर तक का बकाया एरियर कर्मचारियों और पेंशनरों के खाते में आएगा.
उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मचारियों का वेतन योगी आदित्यनाथ की सरकार में तीन गुना हो चुका है. जिस कर्मचारियों को साल 2017 में करीब 16000 मासिक मिला करता था उसको 2024 में लगभग 47000 मासिक मिल रहा है. इसी अनुपात में प्रदेश के लगभग आठ लाख कर्मचारियों का वेतन बढ़ा है. यही नहीं पेंशनर्स की पेंशन में भी बढ़ोतरी जमकर हुई है. कर्मचारियों का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में वेतन बढ़ोतरी और भक्ति आदि में विलंब नहीं हो रहा है कई बार तो त्यौहार के मौके पर जल्द ही वेतन प्राप्त हो जाता है. इस गति के सुचारू रहने की वजह से लगातार कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हो रही है. इसके साथ ही साल 2017 में सातवें वेतनमान का लाभ मिलने के बाद कर्मचारियों की वेतन की बढ़ोतरी और तेजी से हुई है. यही नहीं पिछले 7 साल में महंगाई भत्ते में भी 53% की बढ़ोतरी हो चुकी है. यह बढ़ोतरी और अधिक हो सकती थी अगर कोविड के समय में दो बार की बढ़ोतरी ना रोकी गई होती. ऐसी दशा में इस समय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता वेतन के अनुपात में लगभग 60% होता.
उत्तर प्रदेश में लगभग आठ लाख कर्मचारी हैं. दीपावली के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उनका लगातार तीन दिन तीन तोहफे दिए. पहले दिन दीपावली से पहले वेतन भुगतान का आदेश दिया. इसके अगले दिन मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि सभी कर्मचारियों को उनका बोनस दीपावली से पहले दे दिया जाए. नई पेंशन नीति के तहत जो कर्मचारी हैं उनको खाते में 6908 प्राप्त होंगे. पुरानी पेंशन वालों का बोनस उनके खाते में 1800 रुपये और बताया उनके जीपीएफ अकाउंट में दिया जा रहा है.
तीसरे दिन मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि कर्मचारियों का 3% महंगाई भत्ता जो की जुलाई से रुका हुआ था उसका भुगतान भी दीपावली से पहले किया जाए. मुख्यमंत्री के यह तीन आदेश तो बस नजीर भर हैं. पिछले 7 साल में लगातार वेतन वृद्धि और नियम से उसका पालन होने की वजह से राज्य के आठ लाख कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण का दौर छोड़कर कभी भी बढ़ोतरी को लेकर कोई परेशानी नहीं हुई. कर्मचारियों अधिकारियों की वेतन में पिछले 7 साल में लगभग तीन गुना की वृद्धि हो चुकी है. सातवां वेतन आयोग लगने के समय जिस कर्मचारी का वेतन लगभग 16000 रुपए था साल 2024 की दीपावली तक उसका वेतन लगभग 47000 हो चुका है. यहां बात उसके अकाउंट में आने वाले धन की की जा रही है. इसके अलावा कटौती उसके ऊपर होती है.
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने बताया कि कर्मचारी और सरकार के बीच में इस समय बेहतर संवाद की स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से वेतन बढ़ोतरी बहुत ही समय से होती है. इस वक़्त हमको बहुत जल्द 3 महीने के महंगाई भत्ते का एरिया मिलने की उम्मीद है. इस महीने के आखिर में हमें मिल जाएगा. इसमें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. मगर कर्मचारियों की कई अन्य मांगों पर भी सरकार को गौर करना जरूरी होगा.