लखनऊ: योगी सरकार किसानों की हर जरूरत को पूरा करने को तत्पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में रबी अभियान 2023 में खाद्यान्न व तिलहनी फसलों के उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने की रणनीति तैयार कर ली है। योगी सरकार ने खाद्यान्न व तिलहनी फसलों के अंतर्गत 448.66 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया है, जबकि 2022-23 में 427.83 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था।
वहीं, योगी सरकार ने यह भी तय किया है कि अधिकतम उत्पादकता वाले जनपदों के प्रगतिशील किसानों के यहां अन्य जनपदों के किसानों, वैज्ञानिकों व अधिकारियों को फील्ड विजिट या प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए।
रबी 2023 के तहत 448. 66 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन का लक्ष्य
रबी 2023 में खाद्यान्न व तिलहनी फसलों के अंतर्गत 134.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र आच्छादन व 448.66 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार उत्पादकता-उत्पादन को बढ़ाने व उत्पादन लागत को कम करने पर कार्य कर रही है। रबी की फसलों की बोआई समय से करने पर भी जोर है। रबी 2023 के लिए निर्धारित कुल खाद्यनान्न उत्पादन के 428.77 लाख मीट्रिक टन व तिलहन उत्पादन के 19.90 लाख मीट्रिक टन (खाद्यान्न व तिलहन के कुल उत्पादन 448.66 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य) का फसलवार विवरण भी तैयार किया है।
इसके तहत गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य 397.80 लाख मीट्रिक टन है। जौ का 6.13 लाख मीट्रिक टन, चना का 9.71 लाख मीट्रिक टन, मटर का 8 लाख मीट्रिक टन व मसूर का 6.69 लाख मीट्रिक टन, राई सरसो का 19.50 लाख मीट्रिक टन उत्पादन लक्ष्य है।
रबी 2023 के लिए सरकार ने मुख्य पहलुओं पर बनाई रणनीति
रबी 2023 के लिए सरकार ने कई पहलुओं पर रणनीति बनाई है। इसके तहत योगी सरकार ने कृषि निवेशों की समय पर व्यवस्था करने, फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए कलस्टर अप्रोच, फसल प्रणाली केंद्रित हस्तक्षेप दलहन, तिलहन व न्यूट्रीसिरियल्स को केंद्र में रखते हुए, फसल सघनता में बढ़ोत्तरी, बीज प्रतिस्थापन दर व प्रजाति प्रतिस्थापन दर बढ़ाने और सिंचाई जल व पोषक तत्वों के उपयोग की क्षमता को बढ़ाने पर कार्य किया है।
किसानों-वैज्ञानिकों को फील्ड विजिट या प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए
रबी के महत्वपूर्ण फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादन व उत्पादकता में कई जनपदों में असमानता रही। फसलवार 2022-23 में नजर दौड़ाएं तो गेहूं की अधिकतम उत्पादकता शामली में हुई। यहां कुल 48.88 कुंतल हेक्टेयर उत्पादकता रही। वहीं जौनपुर में चना की उत्पादकता सर्वाधिक 21.41 कुंतल प्रति हेक्टेयर रही। मसूर में सुल्तानपुर (20.40 कुंतल प्रति हेक्टेयर), सरसो फिरोजाबाद व जौ की उत्पादकता मथुरा में सर्वाधिक रही। सरसो 25.05 कुंतल प्रति हेक्टेयर व जौ की उत्पादकता 37.30 कुंतल प्रति हेक्टेयर रही।
योगी सरकार ने तय किया कि इन तथ्यों के आधार पर अधिकतम उत्पादकता वाले जनपदों के प्रगतिशील किसानों के यहां अन्य जनपदों के किसानों, वैज्ञानिकों व अधिकारियों को फील्ड विजिट या प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए।