लखनऊ के KGMU में जल्द मिलेगी 10 करोड़ की AI-आधारित मोबाइल CT स्कैन मशीन की सुविधा

लखनऊ: केजीएमयू में आगामी वर्ष में मरीजों के लिए मोबाइल सीटी स्कैन मशीन खरीदी जाएगी. इससे ऐसे मरीजों को सहूलियत होगी, जो बिस्तर से उठ भी नहीं सकते हैं. फिलहाल गंभीर मरीजों को बेड समेत सीटी स्कैन हॉल तक लेकर जाना पड़ रहा है. इससे गंभीर मरीजों को अधिक दिक्कतें होती हैं. बता दें, केजीएमयू यूपी का पहला सरकारी संस्थान होगा, जिसमें ये सुविधा होगी.

केजीएमयू प्रवक्ता प्रो. के.के सिंह ने बताया कि केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के मरीजों के लिए मोबाइल सीटी स्कैन मशीन खरीदी जाएगी. मशीन व्हील्स पर स्थापित रहेगी. जिसे एक से दूसरी जगह आसानी से लाया और ले जाया जा सके. इस मशीन का इस्तेमाल सिर, रीढ़ की हड्डी, पेट में चोट व दूसरे अंगों में बीमारी की पहचान के लिए किया जा सकेगा. करीब 9 से 10 करोड़ रुपये लागत से मोबाइल सीटी स्कैन AI आधारित होगी.

ट्रॉमा सीएमएस डॉ. प्रेमराज सिंह ने बताया कि रोजाना करीब 150 मरीजों का सीटी स्कैन किया जा रहा है. मशीन एक ही है, मरीजों का दबाव अधिक है. पेशेंट की दिक्कतों को दूर करने के लिए मोबाइल सीटी स्कैन मशीन खरीदी जा रही है. ये मशीन कैजुअल्टी में रखी जाएगी. मशीन का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा गया है. जिस पर सैद्धांतिक सहमति भी बन गई है. जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर मशीन ले आई जाएगी. जरूरत पर मशीन को वार्ड तक में भेजी जा सकेंगी.

इसी के साथ, KGMU की टेलीमेडिसिन सेवाओं को और सशक्त बनाने के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है. कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में नोडल इंचार्ज डॉ. शीतल वर्मा की तरफ से प्रस्तुत इस प्रस्ताव का उद्देश्य, राज्यभर में ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म के माध्यम से दी जाने वाली टेली-परामर्श सेवाओं को अधिक सुरक्षित, मानकपूर्ण और विश्वसनीय बनाना है. केजीएमयू 8 लाख मरीजों को टेलीमेडिसिन सेवाएं दे चुका है. डॉ. शीतल वर्मा के अनुसार ये सुनिश्चित किया जाएगा कि घर बैठे मिलने वाला परामर्श भी अस्पताल जितना ही प्रभावी हो.