नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र के दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र 2025 के समापन पर संसद भवन में अपने चैंबर में राजनीतिक दलों के नेताओं और सांसदों से मुलाकात की. इस दौरान चाय पार्टी भी हुई.
इस चाय पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी समेत प्रमुख पार्टियों के नेता शामिल हुए. टी पार्टी की आई तस्वीरों में कई पार्टी के नेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, चिराग पासवान, राम मोहन रायडू इसमें दिखाई दे रहे हैं. बताया जाता है कि इस दौरान प्रियंका गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच वायनाड को लेकर विचार-विमर्श किया गया.इस बीच, वीबी जी राम जी बिल पास होने पर विपक्ष के विरोध के दौरान सदन में वंदे मातरम बजाए जाने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो कल तीन देशों के दौरे से लौटे थे, सदन में मौजूद थे.
राज्यसभा के चेयरमैन और उप राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार सुबह 11 बजे संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के तुरंत बाद उसे स्थगित कर दिया. स्थगित होने से पहले, सदन के पटल पर बयान और रिपोर्ट रखी गईं.
राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करते हुए राधाकृष्णन ने कहा, “कल मंत्री के जवाब के दौरान सदस्यों का व्यवहार, जिसमें विरोध करना और कागज फाड़ना शामिल था, सदन के लिए अनुचित था.”
इसके अलावा, विपक्ष ने रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी जी राम जी) बिल के पास होने के खिलाफ अपना मुखर विरोध जारी रखा. शुक्रवार को एकजुट विपक्ष ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन के प्रवेश द्वार पर सीढ़ियों पर अपना प्रदर्शन जारी रखा.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो अभी जर्मनी में हैं, बिल की आलोचना करने वालों में शामिल हो गए और इसे जानबूझकर “एंटी-स्टेट” और “एंटी-विलेज” बताया.राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “कल रात, मोदी सरकार ने एक दिन में मनरेगा के बीस साल खत्म कर दिए. वीबी जी राम जी का पुनर्गठन नहीं है. यह अधिकार-आधारित, मांग-आधारित गारंटी को खत्म कर देता है और इसे एक राशन वाली स्कीम में बदल देता है जिसे दिल्ली से कंट्रोल किया जाता है. यह जानबूझकर राज्य-विरोधी और गांव-विरोधी है.”
उन्होंने कहा कि पहले की स्कीम ने गांव के काम करने वालों को मज़बूत बनाया और गांव की रोज़ी-रोटी को मज़बूत किया.
राहुल ने कहा, “मनरेगा ने गांव के मज़दूरों को मोलभाव करने की ताकत दी. असली ऑप्शन मिलने से, शोषण और परेशानी की वजह से प्रवास कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, काम करने के हालात बेहतर हुए, और यह सब गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने और फिर से खड़ा करने के दौरान हुआ.”
उन्होंने कहा, “यह सरकार ठीक यही फायदा उठाना चाहती है. काम पर रोक लगाकर और उसे रोकने के लिए और तरीके बनाकर, वीबी जी राम जी उस एक जरिया को कमजोर कर रहा है जो गांव के गरीबों के पास था.”
कोविड-19 महामारी के दौरान मनरेगा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “हमने देखा कि कोविड के दौरान मनरेगा का क्या मतलब था. जब इकॉनामी बंद हो गई और रोजगार खत्म हो गया, तो इसने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया. और इसने महिलाओं की सबसे अधिक मदद की – साल दर साल, महिलाओं ने आधे से ज्यादा पर्सन-डे का योगदान दिया है.”