समय पर मकान न देने वाले बिल्डरों की बंधक जमीन होगी जब्त, आवास विभाग ने जारी किए सख्त आदेश

लखनऊ: इंटीग्रेटेड टाउनशिप योजना में लाइसेंस लेने के बाद निर्धारित समय सीमा के भीतर आवंटियों को मकान देने में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आवास विभाग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए योजना के तहत बिल्डरों की बंधक रखी गई 10 प्रतिशत भूमि को जब्त करने का निर्णय लिया है। प्रमुख सचिव आवास पी. गुरुप्रसाद ने इसके संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है और सभी विकास प्राधिकरणों तथा आवास विकास परिषद को आदेश के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 2005 और 2014 में इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति लागू की गई थी। इसके तहत 40 बिल्डरों को लाइसेंस जारी किए गए थे, जिनमें से केवल पांच परियोजनाएं ही पूरी हो पाईं। 28 वर्तमान में चल रही हैं, जबकि सात निष्क्रिय घोषित हैं। योजना के क्रियान्वयन में सुस्ती और नियमों की अनदेखी को देखते हुए विभाग ने लापरवाह और नियम विरुद्ध कार्य करने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की नीति तय की है। शासनादेश के अनुसार सात निष्क्रिय परियोजनाओं की बंधक भूमि जब्त की जाएगी, उनके लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं या निरस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है। साथ ही सभी रियायतें और सुविधाएं भी वापस ली जाएंगी।2005 में दी गई अनुमति के तहत एलाईंस प्रमोटर्स गाजियाबाद, रतन पार्श्वनाथ डेवलपर्स कानपुर का लाइसेंस निरस्त किया गया है जबकि ओपस बिल्डटेक गाजियाबाद को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, 2014 की अनुमति में सामिया बिल्डर्स गोंडा और एमवीआर हाउसिंग कानपुर को नोटिस भेजा गया है, वहीं तुलसियानी कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. लखनऊ का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। एंडीज टाउन प्लानर्स प्रालि लखनऊ का मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में विचाराधीन है।

…तो बैंक गारंटी भी होगी जब्त
वर्तमान में चल रही परियोजनाओं को पूरा करने का अवसर दिया गया है। भूमि जुटाव की समस्या होने पर न्यूनतम 12.5 एकड़ भूमि पर टाउनशिप विकसित करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए बिल्डरों को संशोधित डीपीआर जमा कर नए सिरे से करार करना होगा। डीपीआर संशोधन के लिए तीन महीने की समयावधि निर्धारित की गई है। इसके अलावा 25 एकड़ तक की टाउनशिप को तीन वर्ष और उससे अधिक क्षेत्र की टाउनशिप को पांच वर्ष में पूरा करना अनिवार्य होगा। जिन परियोजनाओं की अवधि समाप्त हो चुकी है, उन्हें पूरा करने के लिए केस-टू-केस आधार पर 80 हजार रुपये प्रति एकड़ शुल्क लिया जाएगा। यदि अतिरिक्त समय दिए जाने के बाद भी बिल्डर समय पर टाउनशिप पूर्ण नहीं कर पाते हैं, तो बंधक भूमि के साथ बैंक गारंटी भी जब्त कर ली जाएगी।