लखनऊ:सर्किल रेट को लेकर अब आम लोगों की जिंदगी आसान होने वाली है। स्टांप एवं पंजीयन विभाग सर्किल रेट तय करने के जटिल मानकों को आधे से अधिक घटाकर 15-20 के दायरे में लाने जा रहा है। अभी यह 40 के करीब हैं। इससे न केवल सर्किल रेट की असमानताओं और भ्रम को दूर किया जा सकेगा, बल्कि आम लोग अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री खुद, बिना किसी मदद के करा सकेंगे।
हालांकि इससे कुछ क्षेत्रों में जमीन के सर्किल रेट पर भी असर पड़ सकता है। नए नियमों से स्टांप चोरी और रजिस्ट्री संबंधी कानूनी विवादों में भी कमी आएगी, जिससे पूरे प्रदेश में रियल एस्टेट प्रक्रिया और पारदर्शी बनेगी। नियमों के सरलीकरण का शासनादेश जल्द जारी होगा। मानक कम करने के फैसले के कई असर पड़ेंगे। मुकदमे और स्टांप चोरी के मामलों में तेजी से कमी आएगी, क्योंकि बड़ी संख्या में नियम स्पष्ट न होने से रजिस्ट्री में कई कमियां रह जाती हैं। साथ ही सर्किल रेट बचाने के लिए स्टांप चोरी की जाती है।
उदाहरण के लिए लखनऊ के हजरतगंज की मुख्य सड़क का सर्किल रेट यदि 20 हजार रुपये वर्ग फुट है। वहीं उसके 100 मीटर पीछे की प्रापर्टी का सर्किल रेट भी इतना ही है जबकि दोनों संपत्तियों में काफी अंतर है। सर्किल रेट तय करने के मानकों के सरलीकरण से पूरे प्रदेश में इस तरह की असमानता दूर हो सकती है। इसके अलावा मानक आसान होने से लोग वेबसाइट पर जाकर अपनी जमीन का सर्किल रेट खुद तय कर सकेंगे और स्लॉट बुक कराकर स्वयं रजिस्ट्री करा सकेंगे।
आम लोगों का जीवन बेहतर बनाने का लक्ष्य
स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा आम लोगों की जिंदगी को आसान और बेहतर करना है। इसी के तहत सर्किल रेट तय करने के मानकों की संख्या घटाकर आधी की जाएगी। इससे रजिस्ट्री संबंधी जटिलताएं खत्म होंगी और वाद विवाद में कमी आएगी। सर्किल रेट की असमानताओं को खत्म किया जाएगा। इस संबंध में जल्द शासनादेश जारी होगा।