बरेली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव को 15 सूत्रीय ज्ञापन दिया, विद्यार्थी परिषद ने अब आगे की रणनीति बना ली है, विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओ ने विश्विद्यालय पर आरोप लगाया कि शासन लखनऊ के -२२६९/ सतर -१-२०२२-१६(५०)२०२१ टी. सी. दिनांक ११-०७-२०२२ द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० के अर्न्तगत एम. जे. पी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली में सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली का विद्यार्थीयों से लिए जाने वाले परीक्षा शुल्क का विरोध करती है। उ.प्र. शासन द्वारा सेमेस्टर परीक्षा का जो शुल्क निर्धारित किया गया है उसका बिन्दुसह पालन शीघ्र कराया जाये शासन का पत्र ११-०७-२०२२ को निर्गत हो जाने के उपरान्त पूर्व सत्र में जिन विद्यार्थीयों से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त शुल्क लिया गया है, इस दशा में शेष धनराशि को शीघ्र वापस कराया जाए, उ.प्र. शासन द्वारा निर्धारित शुल्क का कक्षावार परीक्षा शुल्क से सम्बंधित पत्र निर्गत कर समस्त महाविधालयो के प्राचार्य को शीघ्र प्रेसित किया जाए ।
परीक्षार्थीयों के परीक्षा फार्म भरने से पूर्व विश्ववविद्यालय द्वारा प्रत्येक कक्षा की निर्धारित परीक्षा शुल्क आनलाईन पंजीकरण फार्म भरने से पूर्व नोटिस में दर्शाया जाये।आनलाईन पोर्टल में स्पष्ट रूप से नवीन परीक्षार्थीयों से नामाकन शुल्क एक ही जाये, वि.वि. द्वारा प्रवेश परीक्षा और परिणाम के आनलाईन कार्य हेतु अपना साफ्टवेयर निर्मित किया जाए, छात्रवृति के लिए मास्टर डाटा शीघ्र महाविद्यालयो को प्रेषित किया जाए। छात्रों के परीक्षा परीणाम आ रही कमियो का निराकरण शीघ्र किया जाये परीक्षाकार्य में सलग्न ऐसे परीक्षको डिवार किया जाए जिनके पाल्य परीक्षा दे रहे है व गलत उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यायन कार्य किया है। उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए । वि.वि. की बेवसाइट पर आय व्यय की वर्षिक रिपोर्ट, कार्यसमिती विद्यापरिषद एवं परीक्षा समिती की बैठकों का अपलोड शीघ्र किया जाए, शासन के द्वारा निर्धारित शैक्षणिक कलैन्डर का कठोरता से पालन किया जाए। अटल सभागार के निर्माण व उसके साज सज्जा पर कुल लागत व्यय राशि पर वि.वि.प्रशासन श्वेत पत्र जारी करे। विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पाठ्यक्रम दर्शन शास्त्र विभाग में पिछले पांच वर्षों से छात्र संख्या अल्प मात्रा परन्तु विश्वविद्यालय ने उपरोक्त पाठ्यक्रम के शिक्षक प्रो ए के सिंह को प्रोफेसर की पदनाम देते हुए उनको प्रोफेसर स्केल दे दिया। उ प्र शासन के किस शासनादेश के तहत किया गया। उसकी एक प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान की जाए १४-विश्वविद्यालय में पिछले वर्षों से कोर्ट का गठन नही किस शासनादेश या आदेशों के अनुसार बन्द है। अवगत कराय १५ शोधकार्य में प्रवेश से लेकर उपाधि प्रदान करने तक एक कलैंडर घोषित किया जाए, शासन के पत्रो को गम्भीरता से पालन करे, अन्यथा विद्यार्थी परिषद आन्दोलन के लिए बाध्य होगी, यदि उपरोक्त शासन के पत्र की अवेहलना की उसके उपरान्त समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी, इसी के साथ साथ जन जागरण के लिए महा विद्यालय के बाहर पत्रक वितरण भी किया ।