नई दिल्ली: महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी पीडीपी का चुनावी घोषणपत्र शनिवार को जारी कर दिया. महबूबा ने बिजली बिल, सिलेंडर, पेंशन को लेकर बड़ा वादा किया है. पीडीपी के घोषणापत्र कहा गया है कि इसकी सरकार बनने पर 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी. इसके अलावा पुरानी बिल का वन टाइम सेटलमेंट किया जाएगा. पेंशन को डबल किए जाने के साथ ही कई वादे किए गए हैं.
घोषणापत्र को जारी करते हुए PDP प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “हम 200 यूनिट तक मुफ़्त बिजली देंगे, हम पानी पर टैक्स खत्म करना चाहते हैं, पानी के लिए मीटर नहीं होने चाहिए. जिन गरीबों के घर में एक से छह लोग हैं, उनके लिए हम मुफ़्ती मोहम्मद सईद योजना फिर से लागू करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें मिलने वाला चावल और राशन पर्याप्त नहीं है, इसलिए हम गरीबों को साल में 12 सिलेंडर देंगे. हम वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन आदि जैसी सामाजिक सुरक्षा को दोगुना करेंगे.”
महबूबा ने कहा कि सरकारी नौकरियों में भर्ती की जाएगी. मंदिर और गुरूद्वारे को फ्री बिजली देंगे. कश्मीरी पंडितों को सम्मान के साथ वापस लाने के लिए जो करना होगा वह करेंगे.
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को इस शर्त पर देंगी समर्थन
महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन के सवाल पर कहा, “गठबंधन और सीट शेयरिंग बहुत दूर की बात है. अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस हमारा एजेंडा अपनाने के लिए तैयार हैं, तो हम कहेंगे कि उन्हें सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, हम उनके पीछे चलेंगे क्योंकि मेरे लिए कश्मीर की समस्या को सुलझाना किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्वपूर्ण है. जब हमने पहले भी गठबंधन किया, तो हमारा एक एजेंडा था.”
बीजेपी के साथ महबूबा ने इसलिए किया था गठबंधन?
महबूबा ने कहा कि जब हमने बीजेपी के साथ गठबंधन किया, तो हमारा एक एजेंडा था जिस पर वे सहमत थे लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन एजेंडे पर नहीं हो रहा है, यह सीट शेयरिंग पर हो रहा है. हम ऐसा कोई गठबंधन नहीं करेंगे जिसमें केवल सीट शेयरिंग की बात हो. गठबंधन एजेंडे पर होना चाहिए और हमारा एजेंडा जम्मू-कश्मीर की समस्या को सुलझाना है.
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हमारे लिए हर चुनाव महत्वपूर्ण है, चाहे वह निगम चुनाव हो, पंचायत चुनाव हो या विधानसभा चुनाव हो क्योंकि यह हमारे लिए जम्मू-कश्मीर की समस्याओं को हल करने का एक रास्ता है, चाहे वह विकास के बारे में हो या रोजगार के बारे में हो, यह एक रास्ता है, इसलिए हम इसे अनावश्यक नहीं मानते हैं.”