सीएम योगी बोले, गोरखा सैनिकों के साहस से अंग्रेज भी घुटने टेकने पर मजबूर हुए

गोरखपुर : ‘जब भी हम भारत की सेना के शौर्य की चर्चा करते हैं, तो गोरखा सैनिकों का नाम सबसे ऊपर आता है. ‘जय महाकाली, जय गोरखाली’ के उद्घोष के साथ जब ये शत्रु पर टूट पड़ते हैं, तो दुश्मन पीछे हटने को मजबूर हो जाता है. 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध में ब्रिटिश सेना को संधि के लिए बाध्य होना पड़ा था. उसके बाद गोरखा सैनिकों ने ब्रिटिश आर्मी में भी अपनी बहादुरी दिखाई. स्वतंत्र भारत में भी उन्होंने विभिन्न मोर्चों पर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर किया.’

 

यह बात सीएम योगी ने गोरखपुर में गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण और संग्रहालय के शिलान्यास अवसर पर गुरुवार को कही. उन्होंने बताया कि यह परियोजना 45 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाएगी, जो न केवल गोरखा सैनिकों के बलिदान को सम्मान देगी, बल्कि भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को नई मजबूती प्रदान करेगी.

 

गोरखा सैनिक मौत से बेखौफ लड़ते हैं : सीएम योगी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां गोरखनाथ मंदिर हैं, वहां मां काली की पूजा अनिवार्य है, जो शिव और शक्ति के समन्वय का प्रतीक है. यह समन्वय ही गोरखा सैनिकों की मौत से बेखौफ होकर लड़ने की शक्ति का स्रोत है. यही वजह है कि गोरखा रेजीमेंट के वीर सपूतों के अदम्य साहस और शौर्यगाथा को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनाने के उद्देश्य से इस संग्रहालय का निर्माण हो रहा है.

कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी उपस्थित रहे. गोरखा रिक्रूटिंग डिपो (जीआरडी) की कार्यशैली पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसमें गोरखा रेजीमेंट के बहादुर जवानों की कहानियां जीवंत रूप से प्रस्तुत की गईं. साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जवानों ने अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुरूप नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गए.

सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक बनेगा यह स्मारक : सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने गोरखा सैनिकों की वीरता को सलाम किया. उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. 1886 में कूड़ाघाट में गोरखा रिक्रूटिंग डिपो की स्थापना हुई थी. प्रथम विश्व युद्ध में गोरखा सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया और कम से कम 20 हजार शहीद हुए. 1925 में इस युद्ध स्मारक की स्थापना हुई. आज इसका नवीनीकरण हमारी दूरदर्शिता का प्रमाण है. सीडीएस चौहान ने योगी सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह स्मारक सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक बनेगा.

संग्रहालय में यह होगा खास : यह संग्रहालय गोरखा रेजीमेंट की गौरवगाथा को डिजिटल रूप से प्रस्तुत करेगा. इसमें डिजिटल और साउंड एंड लाइट शो के माध्यम से वीर जवानों की कहानियां जीवंत होंगी. 7डी थिएटर, दीवारों पर म्यूरल पेंटिंग और वीडियो डॉक्यूमेंट्री आकर्षण का केंद्र होंगे.

जीएसटी में सुधार से अर्थव्यस्था बढ़ेगी : वहीं जीएसटी सुधार के निर्णय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की कर व्यवस्था एक नए युग में प्रवेश कर रही है. उन्होंने कहा कि स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म अब धरातल पर उतरता दिख रहा है. यह केवल कर सुधार नहीं बल्कि भारत को उच्च विकास दर वाली वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है.

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कहा कि इन सुधारों से स्वदेशी से स्वावलंबन की भावना को नई ऊर्जा मिलेगी. उपभोग व्यय में वृद्धि से ऑटोमोबाइल, टिकाऊ उपभोग वस्तुओं और निर्माण क्षेत्र में मांग बढ़ेगी तथा लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए सुधारों के तहत अब जीएसटी में केवल दो प्रमुख स्लैब 5% और 18% रहेंगे. अधिकांश आवश्यक वस्तुएं 5% स्लैब में रखी गई हैं, जबकि बहुत कम संख्या में आने वाली विलासिता की वस्तुओं पर 40% तक कर लगेगा. खाना, दवाइयां और शिक्षा सामग्री पर कर जीरो से पांच प्रतिशत तक रखने से घरेलू खर्च में बड़ी राहत मिलेगी.