गाजीपुर: जनपद में मंगलवार (18 जून) को नरायनापुर गांव में अज्ञात कारणों से लगी आग से 29 परिवारों की 64 झोपड़ियां व उसमें रखे सामान जलकर राख हो गए। एक गाय व 20 बकरियां जिंदा जल गई, जबकि करीब एक दर्जन से अधिक मवेशी झुलस गए। झोपड़ियों के जलने के चलते सभी परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। लेखपाल उपेंद्र कुमार शर्मा ने क्षति का आकलन कर मुआवजा के लिए डीएम को रिपोर्ट भेज दी है।
मंगलवार सुबह के वक्त सभी लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त थे। इसी दौरान सुवंश यादव की झोपड़ी में अचानक आग लग गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तेज हवा के चलते एक-एक कर आग 64 झोपड़ियों को अपने आगोश में ले ली। आग इतना विकराल रूप ले चुकी थी कि किसी की हिम्मत पास जाने की नहीं हो पा रही थी। ग्रामीण अपने स्तर से आग पर काबू पाने का प्रयास किए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। आग से सुवंश, डब्लू, बबलू, संतोष, मनोज, भोला, शिवकुमार, अरविन्द, प्रमोद, अशोक, राधा, पारसनाथ, कपिलदेव, विजय, अशोक, रवि, गोरख, घूरहू, राधेश्याम, सुनील, अनिल, बद्री, कृति, विश्वनाथ, पप्पू, श्रवण, आशीष, दीपक और हरिवंश की झोपड़ी, अनाज, कपड़ा, साइकिल, बाइक, डीजल इंजन समेत अन्य घरेलू सामान जल गया।
समय पर नहीं पहुंचता है अग्निशमन दल
रेवतीपुर क्षेत्र में बांड क्षेत्र होने के कारण झोपड़ियां अधिक रहती हैं। पशुपालक इन रिहायशी झोपड़ियों में खुद रहने के साथ ही पशुओं को भी बांधते हैं। इन क्षेत्रों में आग लगने के बाद सूचना देने पर जमानियां से अग्निशमन विभाग की गाड़ी पहुंचती है। दूरी 25 से 30 किमी होने के कारण गाड़ी के पहुंचने तक सबकुछ जल जाता है। सेवराई तहसील में भी अग्निशमन विभाग की गाड़ी की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे काफी नुकसान यहां के ग्रामीणों को उठाना पड़ता है। आग से हर साल लाखों की फसल जल जाती है।
वहीं, मुख्य अग्निशमन अधिकारी भारतेंदु जोशी ने कहा कि तीन तहसील में ही अभी तक फायर स्टेशन संचालित है। नजदीक होने के कारण जमानियां से गाड़ी भेजी गई थी। दूरी की वजह से गाड़ी पहुंचने में समय लगता है।