लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय पर 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी है। अभ्यर्थी नारे लगा रहे हैं और हाईकोर्ट के फैसले के बाद जल्द नई लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं।
आज के प्रदर्शन में ओबीसी और एससी के साथ सामान्य वर्ग के लोग भी प्रदर्शन कर रहे हैं। वो नारे लगा रहे हैं- ‘चाहे जितने आरक्षित हों, सामान्य वर्ग सुरक्षित हों।’ ये वो लोग हैं जिनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद 10 हजार शिक्षक छुट्टी पर चले गए हैं। शिक्षक सर्वेश सिंह ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग रख रहे हैं।
जब तक लिस्ट नही बन जाती, यहीं प्रदर्शन करेंगे
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी कृष्ण कांत कहते हैं कि हम ही नहीं पूरा प्रदेश जानना चाहता हैं कि ऐसे कौन से अधिकारी हैं, जिन लोगों ने ये लिस्ट बनाई थी। जिन्होंने ये आरक्षण घोटाला किया। अब जब तक हमें न्याय नही मिल जाता, हमें हमारे विद्यालय नही भेज दिया जाता, तब तक यही बैठे रहेंगे।
वहीं, सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थी भी शिक्षा निदेशालय पर पहुंचे हैं। वो नारे लगा रहे हैं- ‘चाहे जो मजबूरी हो, सामान्य वर्ग सुरक्षित हो।’ इन शिक्षकों का कहना है कि वो चार साल तक नौकरी कर चुके हैं। लिस्ट सही है या गलत इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इसलिए नई लिस्ट बनाकर उन्हें नौकरी से बाहर न किया जाए।
मुख्यमंत्री ने भी माना हुआ आरक्षण घोटाला
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि 2020 से हम लगातार कह रहे हैं कि आरक्षण घोटाला हुआ। कई बार मुख्यमंत्री ने भी निर्देश दिए पर तैनाती नहीं मिली। हमें इन अधिकारियों पर कोई भरोसा नहीं। उत्तर प्रदेश हो या केंद्र का मामला हो। जब भी हम लोगों को आरक्षण देने की बात आई, हमेशा संघर्ष करना पड़ा। जब 27% OBC वर्ग को आरक्षण लागू करना था, तब बहुत बड़ा आंदोलन हुआ।
उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद मंडल कमीशन लागू हो पाया। जब EWS लागू करना था तब कहीं कोई आंदोलन नहीं हुआ। एक दिन में ही EWS को लागू कर दिया गया। इसी तरह 6850 अभ्यर्थियों की भर्ती में 6000 जनरल वर्ग के लोगों को एक दिन में नियुक्ति दे दी गई थी। हम लोग 4 साल से नियुक्ति पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, कोर्ट ने हमारे पक्ष में निर्णय भी सुनाया है पर हमें तैनाती नहीं मिल पा रही है। हमारा आरक्षण लूटा गया, कोर्ट ने मान लिया, मुख्यमंत्री ने मान लिया पर आज भी हमें नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
24 घंटे में नई सूची जारी करने की मांग
अभ्यर्थियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस मामले में सख्त हस्तक्षेप करना चाहिए और 24 घंटे के भीतर नई चयन सूची प्रकाशित करके वंचित लोगों को विद्यालय भेजना चाहिए। और जिनकी नौकरी पर खतरा उत्पन्न हो रहा है, उनके लिए ठोस पॉलिसी के साथ ये स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी नौकरी नहीं जा रही है। यही हमारी मांग है।