मोदी कैबिनेट 3.0 में 71 मंत्री, जानिए इनको मिलने वाली सुविधाओं के बारे में

नई दिल्‍ली: राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में रविवार (9 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कुल 72 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान सहित कुल 30 कैबिनेट मंत्रियों के अलावा पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।

इस शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार (10 जून) को पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी गया। आइए जानते हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्रियों को क्‍या सुविधाएं मिलती हैं? और इन्हें वेतन भत्‍ता क्या मिलता है?

केंद्रीय मंत्रि परिषद के बारे में जानें

दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में केंद्रीय मंत्रि परिषद का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 74(1) कहता है कि राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रि परिषद होगा, जो अपने कार्यों के निष्पादन में राष्ट्रपति की सलाह के अनुसार कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाती है। मंत्रि परिषद संसद के दोनों सदनों से ली जाती है। आमतौर पर मंत्री बनने के लिए किसी व्यक्ति को संसद के किसी सदन का सदस्य होना चाहिए। हालांकि, संविधान में संसद के बाहर से किसी व्यक्ति को मंत्री नियुक्त करने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन, ऐसा व्यक्ति छह महीने से अधिक समय तक मंत्री नहीं रह सकता, जब तक कि वह संसद के किसी सदन का सदस्य न बन जाए।

मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते का नियम   

केंद्रीय मंत्रि परिषद के वेतन एवं भत्ते मंत्री वेतन एवं भत्ते अधिनियम, 1952 द्वारा निर्धारित होते हैं। मंत्रि परिषद के वेतन और भत्ते समय-समय पर संसद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। एक मंत्री को वही वेतन और भत्ते मिलते हैं, जो एक संसद सदस्य को मिलते हैं। इसके अलावा मंत्री को सत्कार भत्ता (उनके पद के अनुसार), नि:शुल्क आवास, यात्रा भत्ता, चिकित्सा सुविधाएं आदि भी मिलती हैं।

केंद्रीय मंत्रियों को सुविधाएं

हर मंत्री को उनके पूरे कार्यकाल के दौरान मासिक वेतन और रोजाना के लिए भत्ता मिलता है। हर मंत्री को संसद सदस्यों के रूप में निर्वाचन क्षेत्र भत्ता दिया जाता है। नियम के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रियों को मुफ्त रिहायाशी निवास भी मुहैया कराया जाता है। हालांकि, कार्यकाल खत्म होने के एक महीने बाद तक भी इस आवास का उपयोग का अधिकार होता है। ऐसे आवास के रख-रखाव की जिम्मेदारी मंत्री की नहीं होती है। मंत्रि परिषद में शामिल सभी मंत्रियों को अलग-अलग दरों पर हर महीने व्यय भत्ता दिया जाता है। प्रधानमंत्री को 3000 रुपये, प्रत्येक अन्य मंत्री को 2000 रुपये, राज्य मंत्री को 1000 रुपये और उप मंत्री को 600 रुपये हर महीने व्यय भत्ता मिलता है।

मंत्रियों को यात्रा और दैनिक भत्ता

केंद्रीय सरकार द्वारा बनाए गए नियम के तहत हर मंत्री को यात्रा और दैनिक भत्ता मिलता है। नियम के मुताबिक, मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के लिए यात्रा भत्ता तथा मंत्री और उनके परिवार के सामान के लाने-ले जाने के लिए भी भत्ता दिया जाता है। जब मंत्री पदभार ग्रहण करने के लिए दिल्ली से बाहर अपने निवास स्थान से दिल्ली की यात्रा करते हैं तब भी उन्हें भत्ता मिलता है। इसके अलावा मंत्रियों के आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में उनके द्वारा किए गए दौरों के लिए यात्रा और दैनिक भत्ता दिया जाता है। मंत्री अपनी सुविधानुसार समुद्र, भूमि या वायु मार्ग से यात्रा कर सकते हैं। मंत्री को हर साल भारत में अकेले या पति/पत्नी या बच्‍चों साथियों या रिश्तेदारों के साथ यात्रा के लिए किराया मिलता है।

नियम के अनुसार, मंत्री को जो यात्रा भत्ता मिलेगा वह प्रति वर्ष अधिकतम 48 किराए के बराबर ही होगा। कोई भी यात्रा भत्ता नकद या उसके बदले में उपलब्ध कराए गए नि:शुल्क सरकारी परिवहन में दिया जा सकता है। मंत्री को चिकित्सा इलाज का खर्च भी मुहैया कराया जाता है। मंत्री और उनके परिवार के लोग सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सा उपचार करा सकते हैं। इन अस्पतालों में ठहरने की व्यवस्था भी निशुल्क होती है। मोटर कार खरीदने के लिए मंत्रियों को अग्रिम राशि भी मिलती है। ऐसा इसलिए कि मंत्री अपने कार्यालय के कर्तव्यों का सुविधाजनक और कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकें।