लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि एनडीए सरकार द्वारा संसद में पेश बजट में भी देश व जनहित से अधिक राजनीतिक स्वार्थ के तहत विभिन्न राज्यों के बीच भेदभाव, पक्षपात व असंतुलन बढ़ाने के विरुद्ध आक्रोश व विरोध स्वाभाविक है। हालांकि केंद्र द्वारा ऐसा सौतेला व्यवहार कोई नई बात नहीं है। बसपा ने भी यूपी में इसे झेला है।
शुक्रवार को एक्स पर जारी अपने बयान में बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि केंद्रीय बजट से दुखी एवं पीड़ित गैर-भाजपा शासित राज्यों ने इसको लेकर नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। जबकि यूपी जैसी विशाल आबादी वाले गरीब व पिछड़े राज्य पर बजट में समुचित ध्यान नहीं देना भी कितना उचित है? केंद्र द्वारा देश व जनहित को सर्वोपरि रखना बहुत जरूरी है।
कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग
वहीं दूसरी ओर मायावती ने अपने दूसरे बयान में कहा कि यूपी भाजपा के एक दलित सांसद द्वारा बसपा के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न की उपाधि देने की मांग करने के बजाय केंद्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरंत दिलवाएं। जिसका बसपा भी स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद किया जाए।