भगदड़ के बाद महाकुंभ मेले में 5 बड़े बदलाव; सभी पांटून पुल खोले गए, जानिए किधर से आना है, कहां खड़े करने हैं वाहन

प्रयागराज : मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद मेला प्रशासन ने कई बड़े बदलाव किए हैं. कुंभनगर में शुक्रवार की देर रात इसे लेकर अफसरों की बैठक चली. इसके तहत पूरा मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया. वैसे यह प्लान पहले से ही लागू था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था. अब इसका कड़ाई से पालन किया जा रहा है. VVIP पास समेत सभी तरह के व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं. सारे पांटून पुल खोल दिए गए हैं. UP-70 यानी प्रयागराज की लोकल नंबर वाली गाड़ियों को छोड़कर बॉर्डर पर ही बाहर की गाड़ियों को रोकने के आदेश दिए गए हैं.

महाकुंभ में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के बाद तेजी से जनपद के बाहर किया जा रहा है. कुंभ क्षेत्र में किसी को भी स्नान के बाद घाट पर बैठने या लेटने नहीं दिया जा रहा है. संबंधित घाट पर तैनात पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है कि स्नान के बाद घाट को खाली कराते रहें. नई रणनीति के तहत 4 फरवरी तक भीड़ को किसी भी हालत में कुंभ क्षेत्र में बढ़ने नहीं दिया जाएगा. कुंभ क्षेत्र में उतनी ही भीड़ आएगी, जिससे लोग आसानी से संगम समेत सभी स्नान घाटों पर आसानी से स्नान कर सकें, और इसके बाद लौट सकें.

प्रयागराज : मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद मेला प्रशासन ने कई बड़े बदलाव किए हैं. कुंभनगर में शुक्रवार की देर रात इसे लेकर अफसरों की बैठक चली. इसके तहत पूरा मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया. वैसे यह प्लान पहले से ही लागू था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था. अब इसका कड़ाई से पालन किया जा रहा है. VVIP पास समेत सभी तरह के व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं. सारे पांटून पुल खोल दिए गए हैं. UP-70 यानी प्रयागराज की लोकल नंबर वाली गाड़ियों को छोड़कर बॉर्डर पर ही बाहर की गाड़ियों को रोकने के आदेश दिए गए हैं.

महाकुंभ में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के बाद तेजी से जनपद के बाहर किया जा रहा है. कुंभ क्षेत्र में किसी को भी स्नान के बाद घाट पर बैठने या लेटने नहीं दिया जा रहा है. संबंधित घाट पर तैनात पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है कि स्नान के बाद घाट को खाली कराते रहें. नई रणनीति के तहत 4 फरवरी तक भीड़ को किसी भी हालत में कुंभ क्षेत्र में बढ़ने नहीं दिया जाएगा. कुंभ क्षेत्र में उतनी ही भीड़ आएगी, जिससे लोग आसानी से संगम समेत सभी स्नान घाटों पर आसानी से स्नान कर सकें, और इसके बाद लौट सकें.

बाहर के वाहनाें को जिले की सीमा पर ही पार्क करने की व्यवस्था : प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर ही रोक दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं को पार्किंग में वाहन खड़े करने के बाद सटल बसों और निजी साधनों से महाकुंभ के नजदीक तक भेजा जा रहा है. प्रयागराज शहर में लोकल नंबर की गाड़ियों के आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन बाहर के नंबर वाली गाड़ियों को पार्किंग स्थल में ही खड़ा करने की हिदायत दी गई है.

महाकुंभ जंक्शन, संगम प्रयागराज, प्रयाग स्टेशन, दारागंज, रामबाग, नैनी और सूबेदारगंज, फाफामऊ, छिवकी समेत सभी रेलवे स्टेशनों से यात्रियों को पैदल ही संगम क्षेत्र में आने की अनुमति दी गई है. हालांकि यात्री अगर चाहें तो रेलवे स्टेशन से मेला क्षेत्र के बाहर पार्किग स्थल तक लोकल कन्वेंस से आ सकते हैं. मेले में उन्हें पार्किंग पर ही लोकल कॉन्वेंस छोड़कर पैदल आना होगा. यह व्यवस्था सामान्य दिनों के लिए लागू की गई है. 3 फरवरी को बसंत पंचमी होने के नाते 2 फरवरी से लेकर 3 फरवरी तक रेलवे स्टेशन से संगम पैदल ही आना होगा.

उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रेनों के लिए रूट निर्धारित किया : उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रेनों के लिए रूट भी निर्धारित किया है. मुंबई से आने वाली ट्रेनों को नैनी, छिवकी रेलवे स्टेशन पर रोका जा रहा है. लखनऊ, अयोध्या की ओर से आने वाली ट्रेनों को फाफामऊ संगम स्टेशन पर रोकने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ वाराणसी-गोरखपुर रूट से आने वाले यात्रियों को झूंसी, रामबाग रेलवे स्टेशन पर उतारा जा रहा है. यहां से लोकल कन्वेंस लेकर सामान्य दिनों में महाकुंभ के पार्किंग स्थल तक श्रद्धालु आ सकते हैं. जो श्रद्धालु पहले से मेला क्षेत्र में कल्पवास कर रहे हैं या वाहन लेकर स्नान करने आए हैं तो उनके बाहर निकलने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. श्रद्धालु अगर चाहें तो अपने वाहनों को भीड़ के बीच से धीरे-धीरे लेकर के निर्धारित रूट से शहर के बाहर निकाल सकते हैं. अभी मेला प्रशासन ने सभी मंदिरों के कपाट को खोलने की छूट दी है.

आइए जानते हैं, किस रूट पर कहां है पार्किंग की व्यवस्था : मेला क्षेत्र में प्रवेश के लिए विभिन्न दिशाओं से आने वाले कुल 7 प्रमुख मार्ग निर्धारित किए गए हैं. इनमें जौनपुर मार्ग, वाराणसी मार्ग, मिर्जापुर मार्ग, रींवा चित्रकूट मार्ग, कानुपर-फतेहपुर-कौशांबी मार्ग, कौशांबी मार्ग, लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग शामिल हैं.

जौनपुर मार्ग : इस रूट के वाहन जौनपुर से फूलपुर, सहसों चौराहा, फाफामऊ सहसों मार्ग से होते हुए गाराुपर तिराहे तक आएंगे. इसके बाद यहां बने चीनी मिल पार्किंग स्थल पर वाहन पार्क किए जाएंगे. यह पार्किंग स्थल भरने पर पूरेसूरदास, बदरा सोनौटी व समयामाई पार्किंग स्थलों पर वाहन पार्क कर पैदल मेला क्षेत्र में जाना होगा.

वापसी का मार्ग : वापस लौटने का मार्ग अलग तय किया गया है. चीनी मिल पार्किंग स्थल व पूरे सूरदास पार्किंग स्थल में खड़े वाहनों को रहिमापुर मार्ग से सहसों चौराहा निकाला जाएगा. यहां से फूलपुर होते हुए जौनपुर की तरफ यात्री अपने वाहनों से गंतव्य की ओर जा पाएंगे. बदरा सौनौटी पाकिंग स्थल पर पार्क किए गए वाहनों को पार्किंग स्थल से बाबा लाल मार्केट तिराहा होते हुए सहसों से फूलपुर और जौनपुर की ओर निकाला जाएगा. समय माई पार्किंग स्थल में पार्क वाहनों को अंटा चौराहा से भैरव कुआं होते हुए मलावा बुजुर्ग से फूलपुर होते हुए जाैनपुर निकाला जाएगा.

वाराणसी मार्ग : आगमन के लिए वाराणसी से राजातालाब, भदोही, हंडिया, सैदाबाद, हनुमानगंज, हबुसा मोड, कनिहार मोड, कनिहार अंडरपास चमनगंज,जेकेडीएल मार्ग, नागेश्वर/शिवमंदिर उस्तापुर पार्किंग से ऐरावत संगम घाट.

वापसी : ऐरावत संगम घाट, जेकेडीएल मार्ग, रिंग रोड सहसों, हबुसा,हबुसा मोड़, हनुमानगंज, सैदाबाद, हंडिया, भदोही, राजातालाब वाराणसी के लिए वाहन रवाना होंगे.

मिर्जापुर मार्ग : आगमन मिर्जापुर, रज्जू भईया यूनीवर्सिटी, सरस्वती हाईटैक सिटी पार्किंग, मदनुवा पार्किंग, ओमेक्स सिटी पार्किंग/टेंट सिटी पार्किंग, देवरख पार्किंग में वाहन खड़े करने के बाद अरैल से संगम घाट.

वापसी : अरैल संगम घाट, देवरख पार्किंग, ओमेक्स सिटी/टेंट सिटी पार्किंग, मदनुवा पार्किंग, सरस्वती हाईटैक पार्किंग, रिंग रोड मिर्जापुर, एनएच मिर्जापुर.

रीवा चित्रकूट मार्ग : आगमन, रीवा/चित्रकूट से मामा भांजा तालाब, दांडी तिराहा, टीसीआई मोड़, खान चौराहा होते हुए एग्रीकल्चर पार्किंग में वाहन खड़े करने होंगे। यह पार्किंग भरने पर नवप्रयागम पार्किंग, गंजियाग्राम पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने होंगे। यहां से पैदल अरैल संगम घाट स्नान के लिए जाना होगा.

वापसी : अरैल संगम घाट से गंजियाग्राम पार्किंग, नवप्रयागम पार्किंग स्थल से वाहन लेने के बाद नए यमुना पुल होते हुए लेप्रोसी जंक्शन , दांडी तिराहा होते हुए मामा भांजा तालाब से जंक्शन और चित्रकूट/रीवा के लिए रवाना होना होगा.

कानपुर-फतेहपुर-कौशांबी : आगमन, कानपुर-फतेहपुर, कौशांबी होते हुए कोखराज, मूरतगंज, पूरामुफ्ती होते हुए मुडेरा मंडी, धूमनगंज पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को नेहरू पार्क पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने होंगे. यहां से एमजी मार्ग होते हुए हषवर्धन चौराहा होते हुए 17 नम्बर पार्किंग स्थल में वाहन खड़े करने के बाद संगम घाट की ओर स्नान के लिए जाना होगा.

वापसी : संगम घाट से 17 नम्बर पार्किंग से हर्षवर्धन चौराहा , सीएमपी डॉट पुल, एमजी मार्ग , नेहरू पार्क पार्किंग से वाहन लेकर मुडेरा मंडी, पूरामुफ्ती कोखराज होते हुए कौशाम्बी-फतेहपुर-कानपुर की ओर जाना होगा.

कौशाम्बी मार्ग : आगमन, कौशांबी कोखराज मूरतगंज पूरामुफ्ती मुडेरा मंडी धूमनगंज, नेहरू पार्क पार्किंग, एमजी मार्ग, हषवर्धन चौराहा होते हुए 17 नंबर पार्किंग में वाहन खड़े कर संगम घाट जाना होगा.

वापसी : संगम घाट 17 नंबर पार्किंग हर्षवर्धन चौराहा, सीएमपी डॉट पुल, एमजी मार्ग, नेहरू पार्क, पार्किंग मुडेरा मंडी, पूरामुफ्ती, मूरतगंज, कोखराज होते हुए कौशांबी जाना होगा.

लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग : इस मार्ग से आने वाले वाहना के लिए आने के तीन मार्ग और वापसी के लिए भी 3 मार्ग निर्धारित किए गए हैं.

आगमन : लखनऊ-प्रतापगढ़ ,मलाकहरहर से 6 लेन पुल, स्टैनली रोड, लाजपत राय राेड, कमिश्नर कार्यालय, मजार चौराहा, आईआरटी फ्लाईओवर, आईईआरटी पार्किंग स्थल, में वाहन खड़े कर नागवासुकी संगम घाट सेक्टर 6 में बने घाटों पर स्नान किए जा सकेंगे.

आगमन : लखनऊ-प्रतापगढ़ मलाकहरहर, इंटरसेक्शन, शांतिपुरम, फाफामऊ तिराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज लूप, रिवर फ्रंट रोड, नारायणी आश्रम रोड, गंगेश्वर महादेव, पार्किंग में वाहन खड़े कर संगम क्षेत्र में प्रवेश करना होगा.

आगमन : लखनऊ प्रतापगढ़, मलाकहरहर इंटरसेक्शन, शांतिपुरम, फाफामऊ तिराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज, तेलियरगंज चौराहा, नारायणी आश्रम रोड़, गंगेश्वर महादेव पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े कर पैदल संगम में जाना होगा.

वापसी : नागवासुकी संगम घाट सेक्टर 6 , मजार चौराहा, आईआरटी पार्किंग, आईआरटी फ़लाइओवर, मजार चौराहा, कमिश्नर कार्यालय, लाजपत राय रोड, स्टैनली रोड, 6 लेन पुल, मलाकहरहर इंटरसेक्शन होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए जा सकेंगे.

वापसी : गंगेश्वर संगम घाट, गंगेश्वर पार्किंग नारायणी आश्रम, रिवर फ्रन्ट रोड , फाफामऊ ब्रिज लूप, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज, फाफामऊ तिराहा, शांतिपुरम होते हुए मलाकहरकर इंटरसेक्शन से लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ जा सकेगा.

वापसी : गंगेश्वर महादेव पार्किंग, नारायणी आश्रम रोड, तेलियरगंज चौराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज ,फाफामऊ तिराहा ,शांतिपुरम से मलाकहरहर इंटरसेक्शन होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ जा सकेगा.

इन बातों का रखें ध्यान : संगम घाट पहुंचने के लिए अलग-अलग लेन से ही जाएं, गंगा स्नान के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, आने वाले श्रद्धालु स्नान और दर्शन करने के बाद सीधे पार्किंग की ओर जाएं, मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, वहां से अपने गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान करें, जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लें, पुलिस आपकी मदद के लिए है.

ट्रैफिक पुलिस भी सेवा में है. स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी सेक्टर में बने हॉस्पिटल में जांच कराएं, बैरिकेडिंग और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचें, कागज, जूट या इको फ्रेंडली बर्तनों और कुल्हड़ का ही प्रयोग करें, सभी घाट संगम घाट हैं, जिस घाट पर पहुंच जाएं वहीं स्नान करें

क्या न करें : श्रद्धालु कहीं एक साथ एक स्थान पर न रुकें, किसी भी स्थिति में आने और जाने वाले श्रद्धालु आमने-सामने न पड़ें, मेले में किसी के द्वारा फैलाई गई अफवाहों से बचें, सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच न मानें, मंदिरों में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न दिखाएं, होल्डिंग एरिया के बजाय रास्तों पर न रुकें, किसी तरह का अवरोध न उत्पन्न करें, व्यवस्था या सुविधा को लेकर किसी के भी बहकावे में आने से बचें, किसी प्रकार की भ्रामक खबरों को आगे बढ़ाने से बचें, पवित्र स्नान के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें, प्लास्टिक की पन्नियों और बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचें.