पीएम का ‘मेक इन इंडिया’ एक अच्छा आइडिया था, लेकिन…’ लोकसभा में बोले राहुल गांधी –

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल एक अच्छा विचार था, लेकिन यह विफल हो गया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा, मुझे लगता है कि यह एक अच्छा विचार था…परिणाम आपके सामने है.”

उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चुरिंग 2014 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 15.3 प्रतिशत से गिरकर आज सकल घरेलू उत्पाद के 12.6 प्रतिशत पर आ गया है, जो 60 वर्षों में सबसे कम है. कांग्रेस सांसद ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा हूं, यह कहना उचित नहीं होगा कि उन्होंने प्रयास नहीं किया. मैं कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री ने प्रयास किया, लेकिन वे विफल रहे.

उन्होंने संसद में कहा, “हम एक देश के रूप में उत्पादन को व्यवस्थित करने में विफल रहे और इसे चीनियों को सौंप दिया.” राहुल गांधी ने कहा कि एनडीए और यूपीए दोनों सरकारें पर्याप्त रोजगार पैदा करने में विफल रहीं.

‘रोजगार को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं’
लोकसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “भले ही हम बढ़े हैं, हम तेजी से बढ़े हैं, अब थोड़ी धीमी गति से बढ़ रहे हैं, लेकिन हम बढ़ रहे हैं. एक यूनिवर्सल समस्या जिसका हमने सामना किया है, वह यह है कि हम बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं. न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने इस देश के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब दिया है.”

न्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में हाल ही में दिए गए संबोधन पर भी टिप्पणी की.उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान मुझे जो कहा जा रहा था उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि मैंने पिछली बार और उससे पहले भी लगभग एक ही तरह का राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना था. यह सरकार द्वारा किए गए कार्यों की एक लिस्ट थी.”

एआई पर राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे दावा किया कि डेटा के मामले में भारत चीन से 10 साल पीछे है. उन्होंने कहा, “लोग एआई के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि एआई अपने आप में बिल्कुल अर्थहीन है क्योंकि एआई डेटा के ऊपर काम करता है. डेटा के बिना, एआई का कोई मतलब नहीं है और अगर हम आज डेटा को देखें तो एक बात बहुत साफ है कि दुनिया में उत्पादन प्रणाली से निकलने वाला हर एक डेटा. जिस डेटा का इस्तेमाल इस फोन को बनाने के लिए किया गया था, जिस डेटा का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए किया गया है. जिस डेटा का इस्तेमाल आज ग्रह पर मूल रूप से सभी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के लिए किया जाता है, उसका स्वामित्व चीन के पास है.”

उन्होंने कहा कि डेटा कंजप्शन का स्वामित्व संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है… इस क्षेत्र में चीन भारत से कम से कम 10 साल आगे है. चीन पिछले 10 सालों से बैटरी, रोबोट, मोटर, ऑप्टिक्स पर काम कर रहा है और हम पीछे हैं.”

बैंकिंग पर भी बोले राहुल गांधी
उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की भी मांग की. उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी बैंकिंग प्रणाली 2-3 कंपनियों के कब्जे में न हो जाए, जो मूल रूप से आपको उत्पादन प्रणाली बनाने की अनुमति नहीं देती हैं, लेकिन हमारी बैंकिंग प्रणाली छोटे और मध्यम व्यवसायों और लाखों उद्यमियों के लिए खुली, गतिशील और सुलभ है, जो इस क्रांति में भाग लेना चाहते हैं.”