गोरखपुर में सीएम योगी का जनता दर्शन: 200 लोगों की सुनीं पीड़ाएं, भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में जनता दर्शन के दौरान करीब 200 लोगों की समस्याएं सुनीं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि भू-माफिया पर सख्त कार्रवाई हो. साथ ही समस्याओं के निस्तारण के लिए सीएम ने अफसरों को तेजी से काम करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा गरीबों की जमीन को कब्जा मुक्त कराएं. दबंगों पर कानून सम्मत कड़ा एक्शन हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सबके जीवन में खुशहाली लाने के लिए संकल्पित है. किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. जनता दर्शन में सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी गरीब की जमीन पर यदि किसी ने कब्जा किया है, तो तत्काल जमीन को कब्जा मुक्त कराने के साथ दबंगों को सबक सिखाया जाए. जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, कमजोरों को उजाड़ने वाले बख्शे न जाएं.

गुरुवार सुबह जनता दर्शन का आयोजन गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर किया गया. यहां कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं. इस दौरान विभिन्न जिलों से आए करीब 200 लोगों से मुलाकात कर उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी.

सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण का निर्देश देने के साथ ही सीएम योगी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है.

जनता दर्शन में एक महिला ने दबंग द्वारा जमीन कब्जा किए जाने की शिकायत की. इस पर मुख्यमंत्री ने पास में मौजूद प्रशासन-पुलिस के अफसरों को निर्देशित किया कि जमीन कब्जा की शिकायत पर त्वरित एक्शन लिया जाए. गरीब की जमीन कब्जा मुक्त होनी चाहिए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी दबंग किसी की जमीन पर कब्जा न करने पाए.
मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में हर बार की तरह कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे. सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी. उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण कराकर शासन में उपलब्ध कराया जाए.

राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार करते हुए उसकी मदद की जाए.