रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर ब्रह्माकुमारी के नए भवन शांति शिखर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत सत्कार किया गया. प्रजापिता बह्माकुमारी के संस्थापकों ने पीएम नरेंद्र मोदी को मोमेंटो देकर उनका सम्मान किया. इसके बाद ब्रह्माकुमारी के नए भवन का उद्घाटन किया गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारा छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है. इसलिए ये दिन प्रदेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है. आज देश के कई अन्य राज्य भी अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं.
ब्रह्माकुमारी वो संस्था जहां शब्द कम और सेवा ज्यादा : पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत ओम शांति से की. पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि मेरा और ब्रह्माकुमारी का रिश्ता काफी पुराना है. 2011 में अहमदाबाद में फ्यूचर ऑफ पावर, 2012 में संस्था की स्थापना के 75 वर्ष का कार्यक्रम, 2013 में गुजरात के कार्यक्रम में मेरी उपस्थिति रही है. मैं जब भी आपके बीच आया हूं मैं आपके प्रयासों को बहुत गंभीरता से देखा है. मैंने हमेशा अनुभव किया है कि ब्रह्मकुमारी वो संस्था है जहां शब्द कम और सेवा ज्यादा है.
इस संस्थान से मेरा अपनापन विशेष मूर्तियों का हिस्सा है. उनके विचार अकादमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड है. मैं कह सकता हूं आने वाले समय में संस्थान विश्व शांति के सार्थक प्रयासों का प्रमुख केंद्र होगा. मैं आप सभी को और देश विदेश में ब्रह्माकुमारी परिवार से जुड़े सभी लोगों इस स्थानीय कार्य के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्रीहम जीव में शिव देखते हैं : विश्व शांति की अवधारणा यह भारत के मौलिक विचार का अधिष्ठान है. जो जीव में शिव को देखते हैं. हम वो हैं जो सर्व का विस्तार सर्वस्व तक करते हैं. हमारे यहां सबसे पहला उद्घोष होता है विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भाव हो. ऐसी उदार सोच ऐसा उदार चिंतन विश्व कल्याण की भावना की आस्था और कहीं नहीं है.ऐसा संगम यह हमारी सभ्यता हमारी परंपरा का सहज स्वभाव है. राज्य के विकास से देश का विकास का विकास संभव है. इसी मंत्र पर चलते हुए हम भारत को विकसित बनाने के अभियान में जुटे हैं.
भारत हमेशा देता है वैश्विक शांति का संदेश : पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल पीस के मिशन में जितनी अहमियत विचारों की होती है उतनी ही बड़ी भूमिका व्यवहारिक नीतियों और प्रयासों की भी होती है.आज जब पूरे विश्व में कहीं पर भी आपदा आती है तो सबसे पहले भारत मदद के लिए खड़ा होता है.
भारत एक भरोसेमंद साथी के तौर पर मदद के लिए आगे आता है. भारत हमेशा से मुश्किल समय में FIRST RESPONDER रहा है. आज पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के बीच भारत पूरे विश्व में प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बना हुआ है. बहुत आवश्यक है कि हमें प्रकृति ने जो दिया है हम उसका संरक्षण करें. हम उसका संवर्धन करें जब हम प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखेंगे,तो प्रकृति भी हमें कई चीजों से नवाजेगी- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे यहां कहा जाता है आचार्य परमो धर्म, आचार्य ही सबसे बड़ा धर्म है. आचरण ही सबसे बड़ा तप है और आचरण ही सबसे बड़ा ज्ञान है. आचरण से क्या कुछ सिद्ध नहीं हो सकता है. जब अपने कथन और करने में प्रथम को आचरण में भी उतारा जाए. यही ब्रह्माकुमारी संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है. यहां हर बहन पहले कठोर तप और साधना में तपाती है. आपका तो परिचय ही विश्व और ब्रह्मांड में शांति के प्रयासों से जुड़ा है. आपका पहला संबोधन ही ओम शांति है. जिसमें ब्रह्मा और संपूर्ण ब्रह्मांड समाया हुआ है. इसलिए ब्रह्माकुमारी के विचारों का हर किसी के अंतर मन पर प्रभाव पड़ता है.शांति शिखर कार्यक्रम के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रह्माकुमारी के नए भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी के साथ सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव और पूरी कैबिनेट मौजूद था. आपको बता दें कि ब्रह्माकुमारी आश्रम आध्यात्मिक शिक्षा, शांति और ध्यान का एक आधुनिक केंद्र है.