लखनऊ: सरकारी जिला अस्पतालों में आईसीयू में बेड़ की संख्या बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है. शहर में पांच बड़े सरकारी अस्पताल हैं, जिसमें सिविल अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, बीआरडी अस्पताल और ठाकुरगंज टीबी अस्पताल शामिल हैं. यहां आने वाले मरीजों को समय पर समुचित इलाज मिल सके इसके लिए चिकित्सकों की भर्ती के साथ-साथ अन्य सुविधाओं को भी बढ़ाने का काम चल रहा है.
अधिक मरीजों को मिलेगा लाभ: सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. देवेश कुमार पांडे ने कहा कि अस्पताल में मौजूदा समय में आईसीयू में 18 बेड्स है. नौ बेड्स पर आईसीयू में वेंटिलेटर है. लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाने का काम चल रहा है. नए वर्ष में यहां बेड्स की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि अधिक से अधिक मरीजों को इसका लाभ मिल सकें.इमरजेंसी में बेड्स की संख्या बढ़ेगी: बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि वैसे तो बलरामपुर अस्पताल में रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज ओपीडी में दिखाने के लिए आते हैं. वहीं इमरजेंसी में लगभग 250 से 300 मरीज आते हैं, लेकिन कई बार इनकी संख्या बढ़ जाती है.
इस स्थिति में मरीज को हमें वार्ड में शिफ्ट करना पड़ता है. इन परिस्थितियों से निकलने के लिए नए वर्ष में यहां इमरजेंसी में बेड की संख्या बढ़ेगी. इससे इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को समय पर समुचित इलाज मिल सकेगा और उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाएगा.
लोकबंधु अस्पताल में नया पीडियाट्रिक वार्ड: लोक बंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष 2025 में अस्पताल में बहुत से नए काम हुए हैं. ब्लड बैंक से लेकर कई दवा काउंटर खोले गए हैं. पीडियाट्रिक वार्ड बनाया क्या है. इसके अलावा आगामी वर्ष में इमरजेंसी के बिस्तर पर काम होगा, ताकि नजदीक क्षेत्र के जो भी मरीज है. उन्हें अन्य अस्पताल में भटकना न पड़े.जांच की सुविधा बढ़ाने पर जोर: इसके अलावा भाव राव देवरस जिला अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. मनीष शुक्ला ने कहा कि अस्पताल में बहुत सारी नई चीजों की शुरुआत आगामी वर्ष में की जाएगी. इमरजेंसी में बेड्स बढ़ाए जाएंगे. साथ ही अन्य जांच की सुविधा भी सुनिश्चित की जाएगी. माइक्रोबायोलॉजी जांच के लिए भी कवायद तेज है.
छह बेड का आईसीयू शुरू किया जाएगा: सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय 200 बेड की क्षमता का अस्पताल है. इमरजेंसी में हर दिन करीब 30-40 मरीज भर्ती होते हैं. इसमें दो से तीन अति गंभीर मरीज आते हैं. अस्पताल में अभी तक आईसीयू न होने पर अति गंभीर मरीजाें को बलरामपुर अस्पताल या केजीएमयू रेफर किया जाता है. वहां पर मरीजाें का लोड अधिक होने की वजह से मरीज आईसीयू के लिए भटकते थे.मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत: मरीजों की समस्या को देखते हुए अस्पताल के जरिये छह बेड का आईसीयू शुरू किया जाएगा. इसमें दो बेड वेंटीलेटर के भी होंगे. महानिदेशालय से आईसीयू के उपकरण खरीद के लिए 8 लाख रुपये का बजट भी जारी किया गया है. जनवरी माह के आखिर तक छह बेड का आईसीयू शुरू हो जाएगा. आईसीयू के उपकरण खरीद की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है.