Liv-52 टैबलेट समेत 31 आयुर्वेदिक दवाओं में पाई गई मिलावट, लगा प्रतिबंध    

लखीमपुर खीरी: लिव-52 टैबलेट, सिस्टोन सिरप सहित 31 प्रकार की आयुर्वेदिक दवाएं जांच में फेल हुईं हैं, जिसके बाद उन सभी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें से 21 दवाओं में मिलावट पाई गई तो 10 नकली निकलीं। इसी के साथ पूरे प्रदेश में विक्रेताओं और निर्माताओं को संबंधित बैच की इन दवाओं की बिक्री न करने का नोटिस जारी किया गया।

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. हरबंश कुमार ने बताया कि लिव-52 टैबलेट और सिस्टोन सिरप के नमूने लखीमपुर से तो अन्य दवाओं के नमूने बीते साल 26 अगस्त को पूरे प्रदेश से लिए गए थे। इन नमूनों को जांच के लिए लखनऊ की राजकीय विश्लेषक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। उनकी जांच रिपोर्ट अब आई है।

लिव-52 और सिस्‍टोन में मिली ये खामी

जांच रिपोर्ट के अनुसार, लिव-52 टैबलेट और सिस्टोन सिरप के नमूने जांच में अधोमानक पाए गए। सिस्टोन सिरप में 40 प्रतिशत से अधिक शुगर की मात्रा मिली, जो लेबल पर अंकित नहीं थी। लिव-52 में मंडूर भस्म का मिश्रण एवं दारुहरिद्रा का प्रयोग लेबल पर सही ढंग से नहीं दर्शाया गया।

डॉ. हरबंश ने बताया कि लखीमपुर के साथ ही लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, सीतापुर और सहारनपुर आदि जिले में भी अभियान चलाकर वहां के अफसरों ने दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे, जो फेल पाए गए हैं। अब ये दवाएं उन्हीं नए बैच की बिक सकेंगी, जिनकी जांच हो जाएगी। उन्‍होंने कहा कि प्रतिबंध के बाद भी अगर कोई इन दवाओं की बिक्री करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील है कि इन प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग न करें। नए बैच की संबंधित दवाएं तभी बिकेंगी, जब उनकी जांच हो जाएगी।

इन दवाओं में मिलावट मिली

गाजियाबाद से लिए गए विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल आयुर्वेदा, कानपुर से पेन निल चूर्ण, एज-फिट चूर्ण, अमृता आयुर्वेदिक चूर्ण, स्लीमेक्स चूर्ण, दर्द मुक्ति चूर्ण, आर्थोनिक चूर्ण, योगी केयर, लखनऊ से माइकॉन गोल्ड कैप्सूल, डायबियंट शुगर केयर टैबलेट, हाईपावर मूसली कैप्सूल, डायबिक केयर, गौतमबुद्ध नगर से झंडु लालिमा ब्लड एंड स्किन प्यूरिफायर, गाजियाबाद से हेल्थ गुड सीरप, हेपलिव डीएस सीरप, लखीमपुर से सिस्टोन सीरप, सीतापुर से बायना प्लस आयल, गौतमबुद्ध नगर से वातारिन ऑयल, गौतमबुद्ध नगर से लिव-52, वाराणसी से न्यू रिविल, लखनऊ बोस्टा एम आर टैबलेट, लखीमपुर से लिव-52 के सैंपल लिए गए थे, जिसमें मिलावट पाई गई।