नई दिल्ली: अकासा एयर 43 पायलट्स के इस्तीफे के बाद संकट में आ गई है। कंपनी को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ सकता है। पायलटों के अचानक इस्तीफे की वजह से कंपनी को सितंबर में हर दिन 24 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। यह जानकारी एयरलाइन ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दी।
एयरलाइन के एडवोकेट ने जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा से कहा कि पायलटों ने अनिवार्य नोटिस अवधि पूरी नहीं की, इसलिए अकासा एयर को हर दिन कई उड़ानें रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा। फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए नोटिस पीरियड 6 महीने और कैप्टन के लिए 1 साल है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पायलट अकासा एयर की राइवल एयरलाइंस में शामिल हो गए हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि अकासा एयर के एक अधिकारी ने राइवल ग्रुप को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की और इसे अनैतिक बताया।
इस महीने 600-700 फ्लाइट हो सकती हैं कैंसिल
अकासा एक दिन में 120 उड़ानें ऑपरेट करती है। इस महीने 600-700 फ्लाइट कैंसिल होने की संभावना है। अगस्त में भी उसे 700 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। अकासा का मार्केट शेयर अगस्त में कम हो कर 4.2 फीसदी पर आ गया, जो जुलाई में 4.2 फीसदी था। वहीं, एयरलाइन ने अदालत से एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को अनिवार्य नोटिस पीरियड नियमों को लागू करने का अधिकार देने का अनुरोध किया है।
पायलट्स से 22 करोड़ रुपये का मुआवजा मांग रही एयरलाइन
एयरलाइन उन पायलट्स के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग कर रही है, जो अनुबंध संबंधी नोटिस अवधि पूरी किए बिना चले गए हैं। इसके साथ ही उड़ानें रद्द होने के कारण हुए रेवेन्यू के नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में करीब 22 करोड़ रुपये की मांग कर रही हैं।