अखिलेश यादव का लखनऊ में हो रहा इंतजार, लेने हैं कई अहम फैसले

Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सांसद बनने के बाद दिल्ली में मोर्चा संभाल लिया है. लोकसभा में उनकी कही बातें भी खूब सुर्खियों में बनी हुई हैं. वो खुलकर राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बात रख रहे हैं तो तीसरी सबसे पार्टी होने की वजह से उन्हें विपक्ष में तवज्जो भी मिल रही है. नेता विपक्ष राहुल गांधी के साथ तो उनकी बॉन्डिंग देखते ही बन रही है. सपा अध्यक्ष ने दिल्ली में तो गर्दा उड़ा ही रखा हैं लेकिन उनके बिना लखनऊ सूना नजर आ रहा है.

अखिलेश यादव के दिल्ली की ओर रुख करने के बाद यूपी की सियासत में भी उनका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. प्रदेश की सियासत से जुड़े कई ऐसे अहम फैसले हैं जो अखिलेश यादव के बिना नहीं हो पा रहे हैं. सपा विधायकों से लेकर तमाम पदाधिकारी और नेता अखिलेश के यूपी लौटने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष विधानपरिषद के नामों पर फ़ैसला हो सके. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद ख़ाली हुई दस विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर भी मुहर लग सके.

दिल्ली में बिजी अखिलेश का लखनऊ में इंतजार

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अखिलेश यादव ने दिल्ली की राजनीति का रुख़ कर लिया है, जिसके बाद विधानसभा में नेता विपक्ष का पद खाली हो गया है. इस पद के लिए चाचा शिवपाल यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है लेकिन माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष पीडीए फॉर्मूले के आधार पर दलित चेहरे इंद्रजीत सरोज या किसी मुस्लिम चेहरे पर दांव लगा सकते हैं. हालांकि इस पर आखिरी मुहर उनके आने के बाद ही लगेगी. वहीं विधानसभा परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम का इंतजार किया है.

इनके अलावा यूपी में जल्द ही दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं. ये सीटें विधायकों के सांसदी जीतने के बाद खाली हुई है. इनमें अखिलेश यादव की करहल सीट से लेकर मिल्कीपुर, फूलपुर, मझवा, सीसीमऊ, मीरापुर, मिल्कीपुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, कटेहरी और खैर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. अखिलेश यादव को इन दस सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर भी मंथन करना है.

लोकसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद सपा के हौसले बुलंद हैं. माना जा रहा है कि इन चुनाव में पीडीए को जबरदस्त सफलता मिलने के बाद इस फॉर्मूले की झलक उपचुनाव में भी देखने को मिल सकती है. अखिलेश इन सीटों पर भी पीडीए को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन कर सकते हैं.