भाजपा में मची सियासी हलचल पर अखिलेश यादव ने साधा निशाना, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने दिया जवाब

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल के बीच डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 में 2017 दोहराएगी। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

उप मुख्‍यमंत्री केशव मौर्य ने सोशल साइट ‘एक्स’ पर कहा कि सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी, भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का पीडीए धोखा है। यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहरायेगी।

अखिलेश यादव ने दिया था ये बयान

बता दें कि अखिलेश यादव ने बुधवार सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए बयान दिया था कि यूपी में भाजपा सरकार कमजोर हो गई है, इसलिए ये लोग अपने फैसले वापस ले रहे हैं। भाजपा के लोगों ने कुर्सी की लड़ाई में सब खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि दलाली हो रही है। ये लोग कमजोर पड़ गए हैं। उपचुनाव के कारण शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस का फैसला टाला गया है। इन लोगों ने कुर्सी के चक्कर में जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है, जिस पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने अब जवाब दिया है।

पोस्‍ट के जरिए भाजपा पर निशाना साध रहे अखिलेश

इससे पहले अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करते हुए कहा था कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है।

वहीं, सपा सुप्रीमो ने आज शाम को ‘एक्‍स’ पर शुभेंदु अधिकारी के बयान ‘सबका साथ, सबका विकास’ की जरूरत नहीं पर लिखा- दिन-पर-दिन कमज़ोर होती भाजपा में टकराव और भटकाव का दौर शुरू हो गया है। भाजपा खेमों में बंट गयी है।

-भाजपा के एक नेता महोदय अपने ही शीर्ष नेतृत्व के दिए नारे को नकार रहे हैं।

-कोई मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं कि बैकफ़ुट पर जाने की ज़रूरत नहीं है, जो उछल-कूद कर रहे हैं वो बैठा दिये जाएंगे।

-कोई कह रहा है संगठन सरकार से बढ़ा है।

-तो कोई सहयोगी दल हार का कारण दिल्ली-लखनऊ के नेतृत्व के ऊपर डाल रहा है।

-कोई वीडियो बनाकर बयान दे रहा है, कोई चिट्ठी लिख रहा है।

भाजपा में एक-दूसरे को कमतर दिखाने के लिए कठपुतली का खेल खेला जा रहा है। सबकी डोरी अलग-अलग हाथों में है। भाजपा में पर्दे के पीछे की लड़ाई सरेआम हो गयी है। इंजन ही नहीं अब तो डिब्बे भी आपस में टकरा रहे हैं।