लखनऊ: माफिया मुख्तार अंसारी को फर्जी आर्म्स लाइसेंस केस में उम्र मैद की सजा का ऐलान किया गया। दो सजा पर कोर्ट की रोक के मामले को छोड़ भी दें तो मुख्तार अंसारी अभी छह मामलों में सजायाफ्ता है। पूर्वांचल की राजनीति पर दबदबा रखने वाले मुख्तार अंसारी के रसूख को योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में खत्म कर दिया गया। मुख्तार का पूरा परिवार इस समय कानूनी मामले में फंसा हुआ है।
गाजीपुर से बसपा सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल को भी गैंगस्टर एक्ट में चार साल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में संसद सदस्यता भी छिन गई। हालांकि, बाद में कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई तो अफजाल की सदस्यता फिर से बहाल हो गई। एक बार फिर उसे समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, मुख्तार की मुसीबत कम नहीं हो पा रही है। बांदा जेल में बंद मुख्तार के खिलाफ लगातार कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिए सजा सुनिश्चित कराई जा रही है।
मुख्तार अंसारी को फर्जी लाइसेंस केस को आईपीसी की धारा 428, 467, 468 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप सिद्ध होने के बाद सजा का ऐलान किया गया। कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा 2 लाख 20 हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया है।