बस्ती: देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू के जयन्ती अवसर पर मंगलवार को वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के महामंत्री वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा के संयोजन में कलेक्ट्रेट परिसर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। होम्योपैथ के वरिष्ठ चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वीके वर्मा ने कहा कि पण्डित नेहरू ने 100 साल बाद के भारत की तस्वीर अपनी आखों में सजाया था और उसे पूरा करने की दिशा में आखिरी सांस तक प्रयत्न किया। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
डा. राम नरेश सिंह मंजुल, समिति के अध्यक्ष बीएन शुक्ल ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता, निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता और दूरदर्शिता पण्डित नेहरू को और राजनेताओं से अलग पहचान दिलाती है। वे भारत के नव निर्माता थे। उनके विचारों और उनके बताये रास्ते पर चलकर ही भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। वरिष्ठ साहित्यकार पं. चन्द्रबली मिश्र, बीके मिश्र, डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, अजीत कुमार श्रीवास्तव, पेशकार मिश्र ने कहा कि आज का आधुनिक भारत पंडित नेहरू की दूरदृष्टि का ही परिणाम है। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारंभिक वर्षों के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वह सबसे बड़े प्रतीक थे।
पंडित नेहरू अपने समय की ऐतिहासिक घटनाओं का गहराई से आंकलन करने वाले दूरदर्शी व्यक्ति थे। उच्च उपलब्धियों के लिए उनमें सक्रिय रूप से भाग लेने वाले भी थे। पंडित नेहरू ने भारत सहित एशिया और अफ्रीका के देशों में राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में एक कठोर लहर पैदा की थी। पंडित नेहरू ने पूरे विश्व के स्वतंत्रता सेनानियों को अपना संपूर्ण नैतिक, भौतिक और एकात्मक समर्थन दिया था। भारत उनके योगदान के लिये सदा ऋणी रहेगा।