लखनऊ: यूपी में अब 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक इलेक्शन कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। फिर भी राजनीति दलों ने उप चुनाव को लेकर कमर कस ली है।
भारतीय जनता पार्टी ने भी इन 10 में से अपने हिस्से की पांच सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के साथ ही शेष पांच सीटों को भी जीतने की रणनीति बनाई है। उप चुनाव की कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों में ली है। उन्होंने सभी 10 सीटों पर 16 मंत्रियों की टीम तैनात कर जीत पक्की करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बैठक हुई थी। इसमें भाजपा के साथ ही ओम प्रकाश राजभर को छोड़ सभी सहयोगी दलों के मंत्री भी मौजूद रहे।
संगठन के पदाधिकारियों को भी लगाया गया
इस बैठक में उप चुनाव जीतने की रणनीति पर चर्चा हुई। इसके बाद 16 मंत्रियों की टीम का गठन कर सभी को अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई। मंत्रियों की टीम में बीजेपी के अलावा सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी शामिल किया गया है । कुछ सीटों पर दो तो कुछ एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ संगठन के भी पदाधिकारियों को लगाया जाएगा।
दरअसल, उप चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करके भाजपा लोकसभा चुनाव में मिले हार के घाव को भरना चाहती है। इसलिए मंत्रियों को हर हाल में जीत दर्ज करने के अभी से क्षेत्रों में डटे रहने को कहा गया है। वहीं, उप चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना को देखते हुए भाजपा में टिकट के लिए भी भागदौड़ शुरू हो गई है। विधायक से सांसद बनने वाले नेता जहां अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिलाने में जुटे हैं। वहीं कई पूर्व सांसद और विधायक भी टिकट के दौड़ में शामिल हैं।
इन मंत्रियों की लगी ड्यूटी
- जयवीर सिंह- करहल
- सूर्य प्रताप शाही और मयंकेश्वर शरण सिंह- मिल्कीपुर
- स्वतंत्र देव सिंह और आशीष पटेल- कटेहरी
- सुरेश खन्ना और संजय निषाद- सीसामऊ
- दयाशंकर सिंह और राकेश सचान- फूलपुर
- अनिल राजभर- मझवां
- सुनील शर्मा- गाजियाबाद सदर
- अनिल कुमार और सोमेन्द्र तोमर- मीरापुर
- लक्ष्मी नारायण चौधरी- खैर
- धर्मपाल सिंह और जेपीएस राठौर- कुंदरकी।