Budget 2024: पढ़ें विपक्ष का रिएक्शन, बजट को लेकर किसने क्या कहा, जानिए

Budget 2024: लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश हो गया है। इस बजट में युवा, महिला, गरीब और किसान सभी वर्गों को लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। एक ओर मोदी सरकार इस बजट को दूरगामी बताते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दल बजट और सरकार पर हमला कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आम बजट 2024 पर क्या रिएक्शन दिया है।

कुर्सी बचाओ बजटराहुल गांधी

बजट 2024 पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लिखा- “कुर्सी बचाओ बजट।” राहुल गांधी ने कहा है कि अन्य राज्यों की कीमत पर सहयोगियों को खुश करने के लिए खोखले वादे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बजट से आम भारतीय को कोई राहत नहीं है। राहुल ने बजट को कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजट की कॉपी बताया है।

अखिलेश यादव क्या बोले?

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर कहा कि अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की स्थिति क्या है? इनके जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह कभी समय पर पूरे नहीं हुए। अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा राज्य जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसानों के लिए बजट में कुछ है?

अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर कहा कि जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा। वहीं, सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है। किचन का ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार मंहगाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है।

मायावती ने बताया धन्नासेठों का बजट

बजट 2024 पर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है। देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?

उन्होंने कहा, देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।

शिवसेना यूबीटी ने क्या कहा?

केंद्रीय बजट के बाद शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस बजट को ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि अगर वे अगले 5 वर्षों के लिए इस सरकार को बचाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों की खुशी की आवश्यकता होगी। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद, उन्होंने उन्हें धन दिया है। महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। यह एक ऐसा राज्य बन गया है जहां आप लगातार पैसे लेते रहते हैं। आदित्य ठाकरे ने भी महाराष्ट्र को नजरअंदाज करने की बात कही है।