दिल्‍ली कोचिंग हादसे की जांच करेगी CBI, हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा- आपको शर्म आनी चाहिए

नई दिल्‍ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राउ आईएएस कोचिंग हादसे की जांच सीबीआई को सौंप दी है। साथ ही सेंट्रल विजिलेंस कमेटी के अधिकारी को जांच की निगरानी करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को जांच पर शक न हो, साथ ही हादसे की गंभीरता, सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में शामिल होने की संभावना के चलते यह फैसला लिया गया है।

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने पुलिस को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप सड़क से गुजर रहे व्यक्ति को कैसे अरेस्ट कर सकते हैं? आपको माफी मांगनी चाहिए। पुलिस का सम्मान तब होता है, जब आप अपराधी को गिरफ्तार करते हैं और निर्दोष को छोड़ देते हैं। अगर आप निर्दोष (मनुज कथूरिया) को गिरफ्तार करते हैं और दोषी को छोड़ देते हैं तो यह दुख की बात है। अच्छा हुआ, आपने पानी का चालान नहीं काटा। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने माफी मांगी।

एसयूवी चालक को किया गया था गिरफ्तार

दरअसल, दिल्‍ली पुलिस ने घटना वाले दिन कोचिंग के बाहर SUV लेकर निकलने वाले मनुज कथूरिया को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि गाड़ी निकलने से पानी का प्रेशर बढ़ा और कोचिंग के अंदर पानी घुसा। हालांकि, कार चला रहे मनुज को एक अगस्त को जमानत मिल गई थी। बता दें कि दिल्ली के राउ IAS कोचिंग के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में पानी भरने से 27 जुलाई को तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी।

अदालत के आदेशों पर अमल नहीं हो रहा: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि बेसिक इंन्फ्रास्ट्रक्च प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सिविल एजेंसियों के पास कोई पैसा नहीं है। दिल्ली में भौतिक बुनियादी ढांचा 75 साल पहले बना था। जो नाकाफी है, बल्कि इसका रखरखाव भी ठीक से नहीं किया गया है। हाल ही में हुए हादसों से पता चलता है कि अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है। उनकी उपेक्षा की जाती है। दिल्ली में कई अधिकारी केवल जिम्मेदारी दूसरे पर डाल रहे हैं। MCD कमिश्नर 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का कोई भी ठेका नहीं दे सकता, क्योंकि कोई स्थायी समिति नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि MCD कमिश्नर सुनिश्चित करें कि नालियां जाम न हों। उनकी क्षमता बढ़ाई जाए। अतिक्रमण के साथ-साथ बारिश के पानी को निकालने वाली नालियों पर बने घरों, दुकानों और अवैध निर्माण को तुरंत हटाया जाए। दिल्ली शहर में एक बुनियादी समस्या यह है कि भौतिक, वित्तीय और प्रशासनिक बुनियादी ढांचे सभी पुराने हो चुके हैं और मौजूदा जरूरतों के मुताबिक नहीं हैं।

MCD की वित्तीय सेहत ठीक नहीं

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने कहा कि तीन करोड़ से ज़्यादा की आबादी वाली दिल्ली को ज़्यादा मजबूत वित्तीय और प्रशासनिक ढांचे की जरूरत है। सब्सिडी योजनाओं के कारण दिल्ली में पलायन और आबादी बढ़ रही है। MCD की वित्तीय सेहत ठीक नहीं है। जीएनसीटीडी के लिए भी किसी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाना आसान नहीं है, क्योंकि महीनों से कैबिनेट की कोई बैठक नहीं हुई है। कोई हैरानी की बात नहीं है कि दिल्ली एक संकट से दूसरे संकट की तरफ जा रही है। एक दिन सूखा पड़ता है तो दूसरे दिन बाढ़ आ जाती है। समय आ गया है कि दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय और भौतिक ढांचे पर पुनर्विचार किया जाए।