सीएम योगी ने कुकरैल नदी तट पर सौमित्र वन में लगाया हरिशंकरी का पौधा, रक्षासूत्र भी बांधा

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर देशवासियों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का आह्वान किया था। इसके बाद से प्रदेश में लगातार पौधरोपण महाभियान के साथ ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का यह गौरव लगभग हर परिवार को प्राप्त होने जा रहा है। यूपी की कुल आबादी 25 करोड़ है, हम 36.50 करोड़ पौधरोपण कर रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं। ऐसे में यूपी में आज एक दिन के भीतर हर मातृशक्ति के नाम पर तीन पेड़ लगने जा रहे हैं। सुबह से अब तक लगभग 12 करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं। हमें पौधों को लगाना, बचाना और इसके जरिए पर्यावरण को संरक्षित करना है।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में एक दिन (20 जुलाई) में 36.50 करोड़ पौधरोपण महाअभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। उन्‍होंने पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ को समर्पित ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जन अभियान-2024 के तहत पौधा लगाया। सीएम ने कहा कि गत वर्ष बड़े क्षेत्रफल में अक्टूबर में बाढ़ आई थी। बाढ़ का समय अगस्त से मध्य सितंबर तक रहता है। पहली बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर होना पड़ा। इससे यूपी के 24 जनपद,  20 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित रही।

सीएम योगी ने कहा- ग्‍लोबल वॉर्मिंग से हुई अतिवृष्टि

सीएम योगी ने कहा कि नेपाल व उत्तराखंड की अतिवृष्टि के कारण यह बाढ़ के चपेट में आए। यह ग्लोबल वॉर्मिंग का दुष्प्रभाव है। इस बार मई-जून का महीना लंबे समय तक याद रहेगा। यहां का तापमान अमूमन 42-45 रहता था, लेकिन इस बार यह 47-50 तक पहुंचा। देखा। यह दुष्प्रभाव जल का संकट भी खड़ा करेगा। कहीं असमय बारिश तो कहीं सूखे का संकट होगा। इसके कारण होने वाले परिवर्तन से कई जगहों पर अकाल पड़ने की भी संभावना दिखेगी। कार्बन उत्सर्जन से पर्यावरण को क्षति हो रही है। इसे रोकने में पेड़ों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।

उन्‍होंने कहा कि लखनऊ सहित छह जिलों को मिलाकर आर्थिक प्रगति के नए मानक के रूप में स्थापित करने के अभियान के रूप में कल ही स्टेट कैपिटल रीजन का गठन किया गया है। विकास का लाभ लंबे समय तक लोगों को तब मिलेगा, जब भौतिक विकास के साथ उससे होने वाली पर्यावरणीय क्षति को न्यूनतम स्तर तक पहुंचाया जाएगा। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि शहरों के अंदर 2017 के पहले स्ट्रीट लाइट हाइलोजन के रूप में जलती थी। इससे बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन भी अधिक होता था। इसे बदलकर 16 लाख एलडीई स्ट्रीट लाइट लगाई तो बिजली की बचत हुई। इससे जो पैसा बचा, उसी से हर शहर के अंदर अच्छी दूधिया स्ट्रीट लगी। सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना पर्यावरण व जीव जगत के लिए उत्तम प्रयास है।

कुकरैल नदी को भूमाफियाओं ने अपने स्‍वार्थ के लिए पाटा

सूबे के मुखिया ने कहा कि 50 साल पहले कुकरैल नदी निकलते हुए गोमती मे मिलती थी। 1984 के बाद भूमाफिया ने अपने स्वार्थ के लिए इसे पाटना शुरू किया, जिससे यह नदी नाला में तब्दील हो गई और बस्तियों के ड्रेनेज को उड़ेलने का माध्यम बन गई। एक तरफ नदी को मारा गया तो दूसरी तरफ गोमती नदी को भी प्रदूषित किया गया। लखनऊ में आकर गोमती काली हो गई। प्रदेश सरकार ने तय किया कि कुकरैल में नाइट सफारी बनाएंगे। उन्‍होंने कहा कि इस क्षेत्र के अतिक्रमण को हटाया गया। जिनकी रजिस्ट्री थी, प्रशासन की मदद से एलडीए ने 3100 परिवारों को एक-एक आवास देकर पुनर्वास किया। जिन भूमाफिया ने जमीन के धंधे से जुड़कर लोगों को ठगा, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़कर एलडीए ने इसे खाली करवाया।

सीएम योगी ने कुकरैल नदी तट पर सौमित्र वन में लगाया हरिशंकरी का पौधा, रक्षासूत्र भी बांधा

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पहले अकबरनगर के नाम पर यह प्रदूषण का माध्यम बना था, आज वहां श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी के नाम पर सौमित्र वन का गठन हुआ है। मैंने भी हरिशंकरी की वाटिका लगाई। इसके दूसरी ओर शक्ति वन बनने जा रहा है। यह भारत की नदी संस्कृति को बचाने का माध्यम बनेगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ के साथ नई मजबूती प्रदान करने में यह हमारा मार्गदर्शन करेगा।

वन विभाग के नेतृत्व में हर कोई इस अभियान से जुड़ा है

सीएम योगी ने कहा कि हर कोई आज इस अभियान के साथ जुड़ा है। राज्यपाल सीतापुर में इस अभियान को बढ़ा रही हैं। वन विभाग के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभाग इससे जुड़े हैं। हर जनपद, सभी मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, ब्लाक प्रमुख समेत जनप्रतिनिधि भी जुड़े हैं। प्रदेश में पौधों की कमी नहीं है। वन व उद्यान विभाग के पास 50 करोड़ और निजी नर्सरी में चार करोड़ पौधे हैं। सीएम ने विश्वास जताया कि सायंकाल होते-होते शुभ सूचना मिलेगी कि उत्तर प्रदेश ने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है। जब ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर लगा रहे हैं तो इसे बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी है। पेड़ बचेगा तो पर्यावरण भी बचेगा। पर्यावरण बचेगा तो ग्लोबल वार्मिंग और हीट वेब की विभीषिका से बच पाएंगे। खतरे की घंटी बज चुकी है।

सीएम ने कुकरैल नदी तट पर हरिशंकरी का पौधा लगा किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सौमित्र वन, कुकरैल नदी तट, अयोध्या रोड लखनऊ में हरिशंकरी का पौध लगाया। इसके पहले सीएम ने इन पौधों को रक्षासूत्र बांधा। इसी के साथ वृक्षारोपण जन अभियान-2024 ( पहली जुलाई से 30 सितंबर 2024) के अंतर्गत एक दिन (20 जुलाई) में प्रदेश में 36.50 करोड़ पौधरोपण महा अभियान का शुभारंभ हुआ। सीएम ने सौमित्र वन के विकास की प्रस्तावित कार्ययोजना का भी अवलोकन किया और इससे जुड़ी लघु फिल्म भी देखी।

10 किसानों को कार्बन क्रेडिट कार्ड से हुई आय का चेक वितरित किया

पर्यावरण को सुरक्षित रखकर किसानों को कार्बन क्रेडिट कार्ड से भी आय होती है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इससे होने वाली आय का चेक किसानों को वितरित किया। चेक पाने वाले किसानों में ठाकरी सिंह, सितारा चंद्र, सलीम अहमद, विजयलक्ष्मी, विनोद कुमार, रामलोटन, प्रेमशंकर, कुलविंदर सिंह बाधवा, प्रभा देवी, व्यासमुनि मिश्र को कार्बन क्रेडिट कार्ड से होने वाली आय का चेक देकर सम्मानित किया।