कांग्रेस ने 18 दिसंबर को विधानसभा घेराव करने का किया ऐलान, एसएचओ खुद नोटिस लेकर उत्तर जिलाध्यक्ष नौशाद आलम के घर पहुंचे

कानपुर/लखनऊः कांग्रेस ने बुधवार 18 दिसंबर को कांग्रेस लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन यानी विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है. इसके लिए राज्य भर के नेताओं को लखनऊ बुलाया गया है. विधान सभा सत्र को देखते हुए कांग्रेसी नेताओं को लखनऊ आने से रोकने के लिए नोएडा, गाज़ियाबाद समेत कई जिलों की पुलिस को पत्र जारी किया था.

इसी कड़ी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, प्रदेश संगठन महासचिव अनिल यादव और कानपुर में कई कांग्रेसी नेताओं को नोटिस दिया गया है. नोटिस में कहा गया है कि लखनऊ में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत धारा 163 लागू है. विधानसभा के तीसरे सत्र में किसी भी प्रकार की कोई घेराव धरना अथवा शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जाता है नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कानपुर में कांग्रेसी नेताओं को किया गया नजर बंदः कानपुर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने 18 दिसंबर क़ो सभी एकजुट होकर विधानसभा का घेराव करने की रणनीति बना रहे थे. इसी बीच कमिश्नरेट पुलिस की ओर से नोटिस दी गयी हैं. जिलाध्यक्ष समेत कांग्रेस के आला पदाधिकारियों को नजरबंद कर दिया गया है. इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है. उनका दो टूक कहना है, कि वह सभी लखनऊ जाकर रहेंगे. इस मामले को लेकर अब कानपुर में एक तरह से पुलिस और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी आमने-सामने आ गए हैं. नोटिस में पुलिस की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर पदाधिकारी और कार्यकर्ता लखनऊ जाते हैं तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अलोक मिश्रा ने बताया सोमवार देर शाम काकादेव थाना से एसएचओ व एसआई खुद नोटिस लेकर आए. इसी तरह कांग्रेस उत्तर जिलाध्यक्ष नौशाद आलम ने बताया कि कई पुलिसकर्मी मंगलवार को अचानक घर आ गए. पहले उन्होंने नोटिस थमाया, फिर नजरबंद कर दिया. कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है, देर शाम तक वो लखनऊ जा सकते हैं. इसके लिए सूबे के वरिष्ठ नेताओं से सभी ने सम्पर्क साधा है. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को जारी नोटिस में कहा गया है कि राजधानी में विधान सभा सत्र चल रहा है और BNS की धारा 163 (धारा 144) लागू है. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से लखनऊ में प्रवेश नहीं दें सकते हैं.

केंद्रीय नेतृत्व से लेकर पूरा प्रदेश संगठन होगा प्रदर्शन में शामिल
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि जितने वादे भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रदेश की जनता, किसानों, युवाओं और महिलाओं से किए थे. उन सब वादों पर वह विफल साबित हुए हैं. इससे दिन-रात धर्म की ध्रुवीकरण की राजनीति योगी आदित्यनाथ की सरकार कर रही है. इसी वादा खिलाफी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेगी. राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी, सह प्रभारी उत्तर प्रदेश कांग्रेस, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद इस विधानसभा घेराव में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कुशासन उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है. इस पर जनता जवाब मांग रही है लेकिन भाजपा सरकार हिसाब देने के बजाय ध्रुवीकरण कर रही है, हम उनको चेताने का काम करेंगे. हम फिर से उन वादों को याद दिलाने का काम करेंगे, जो प्रदेश की जनता से किए हैं.

रात में कार्यकर्ताओं के रुकने का किया जा रहा इंतजाम
वहीं, 18 दिसंबर के अपने प्रस्तावित विधानसभा घेराव को सफल बनाने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत लगा दी है. पार्टी की तरफ से सभी 75 जिलों में कार्यकर्ताओं को लखनऊ लाने के लिए पूर्व विधायक को को पर्यवेक्षक बनाया है. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ही एक दिन पहले सही कार्यकर्ताओं के जमावड़ा शुरू होने वाला है. इसी को देखते हुए उनके रुकने खाने-पीने का इंतजाम भी शुरू किया गया है.