तेज हुई 8वें वेतन आयोग की मांग, भारत सरकार को लिखा गया पत्र

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों की सैलरी एक बार फिर से बढ़ सकती है. हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़कर 50 फीसदी हुआ है. डीए 50 फीसदी होने से कर्मचारियों के अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी हुई है. अब बारी आ गई है नए वेतन आयोग के गठन की, जिसे लेकर पहले से ही इंतजार चल रहा है और अब मांग जोर पकड़ने लगी है.

8वें वेतन आयोग के गठन की सिफारिश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉइंट कंसल्टिव मशीनरी फोर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलॉइज की नेशनल काउंसिल के सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी को इस बाबत एक पत्र लिखा है. पत्र में जल्द से जल्द आठवें वेतन आयोग के गठन की सिफारिश की गई है, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बेसिक पे, अलाउंसेज, पेंशन व अन्य फायदों को संशोधित किया जा सके.

हर 10 साल में आता है नया आयोग

मिश्रा ने आठवें वेतन आयोग के गठन की पैरवी करते हुए तर्क दिया है कि अंतिम वेतन आयोग का गठन हुए 10 साल से ज्यादा समय बीत चुका है. आम तौर पर हर 10 साल में अगले वेतन आयोग का गठन हो जाता है. पुराने वेतन आयोग की जगह पर नए वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बीच भी सामान्यत: 10 साल का अंतर रहता है. ऐसे में आठवें वेतन आयोग का गठन जरूरी हो गया है.

कब हुआ पिछले आयोग का गठन?

सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 28 फरवरी 2014 को किया गया था. सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें उसके करीब डेढ़ साल बाद नवंबर 2015 में केंद्र सरकार को सौंप दी थी. उसके बाद 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो गईं, जो अभी तक लागू हैं.

7वें वेतन आयोग के हो गए 10 साल

इस हिसाब से देखें तो पिछले वेतन आयोग के गठन के 10 साल इसी साल फरवरी में पूरे हो चुके हैं. 10 साल के अंतराल के हिसाब से नए वेतन आयोग यानी 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए सरकार के पास जनवरी 2026 तक का समय है. यानी सरकार को हर हाल में जल्द से जल्द नए वित्त आयोग का गठन करना चाहिए, ताकि समय से उसकी सिफारिशें आ पाएं और 10 साल की समयसीमा का ध्यान रखते हुए सिफारिशों को जनवरी 2026 से लागू किया जा सके.

क्या होता है वेतन आयोग का काम?

वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी और पूर्व कर्मचारियों की पेंशन का निर्धारण करने के लिए किया जाता है. वेतन आयोग के द्वारा महंगाई, कमाई समेत कई अन्य फैक्टर पर गौर करने के बाद सिफारिशें तैयार की जाती हैं. वेतन आयोग ही कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) व पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (डीआर) समेत अन्य भत्तों के निर्धारण का भी फॉर्मूला तैयार करता है.