अबू धाबी: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने भारत और यूएई के बढ़ते व्यापक रणनीतिक संबंधों पर उपयोगी और गहन चर्चा की। इसके अलावा क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की गई। इससे पहले जयशंकर रविवार (23 जून) को अबू धाबी में प्रतिष्ठित बीएपीएस हिंदू मंदिर गए। वहीं, 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भी भाग लिया।
अपने समकक्ष नाहयान से मिलने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से आज अबू धाबी में मिलकर बहुत खुशी हुई। उन्होंने आगे कहा कि हमारे बढ़ते व्यापक रणनीतिक संबंधों पर उपयोगी और गहन बातचीत हुई। इसके अलावा क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
BAPS मंदिर भारत-यूएई के बीच एक सांस्कृतिक पुल
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर गए व मंदिर में विधि-विधान से पूजा पाठ किया। उन्होंने कहा कि मैं बीएपीएस हिंदू मंदिर आकर धन्य हो गया। यह मंदिर भारत-यूएई दोस्ती का एक स्पष्ट प्रतीक है। यह दुनिया को एक सकारात्मक संदेश देता है। यह दोनों देशों के बीच एक सच्चा सांस्कृतिक ब्रिज है।
जयशंकर ने मंदिर में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम संगठन (बीएपीएस) के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की थी। बीएपीएस ने यूएई द्वारा दान की गई भूमि पर मंदिर बनवाया है। इसके अलावा, विदेश मंत्री ने भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का उद्घाटन किया और उसमें भाग लिया, जो लौर अबू धाबी संग्रहालय परिसर में आयोजित किया गया था।
पीएम मोदी ने भी की थी यूएई की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगस्त, 2015 में संयुक्त अरब अमीरात की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया है। दोनों देशों ने आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किए थे। व्यापार समझौते में कई लाभ दिए गए हैं, जिनमें टैरिफ को खत्म करना और कम करना, खुले व्यापार के माहौल को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में सेवा प्रदाताओं के लिए बाजार पहुंच को बढ़ाना शामिल है। यूएई 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भारत में शीर्ष चार निवेशकों में से एक है। करीब 35 लाख संख्या के साथ भारतीय समुदाय यूएई में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।